ऐतिहासिक पूना पैक्ट, की वास्तविकता!

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— डॉ. सुरेश खैरनार — 26 सितंबर 1932 के दिन, आज से 92 साल पहले, ऐतिहासिक पूना पैक्ट पर एरवडा जेल के अंदर हस्ताक्षर हुए...

समाजवादी नेता युसूफ मेहेर अली जी

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— गोपाल राठी — यूसुफ़ मेहर अली एक आदर्श समाजवादी महानायक और अनुकरणीय देशभक्त थे। वह राष्ट्रीयता और समाजवाद के समन्वय के श्रेष्ठ प्रतीक थे।...

जीन, गुणसूत्र और आनुवंशिकता का इतिहास

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— डॉ शुभनीत कौशिक — हज़ारों सालों से मनुष्य अपने आस-पास के जीव-जगत और ख़ुद मनुष्य समाज के भीतर की विविधता पर आश्चर्यचकित होने के...

केशव चन्द्र वर्मा और हरिशंकर परसाई

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— परिचय दास — केशव चंद्र वर्मा का व्यंग्य-साहित्य न केवल उनके समय के समाज और मानवीय व्यवहार की सूक्ष्म पड़ताल करता है बल्कि उसकी...

आपातकाल का इतिहास और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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— डॉ शुभनीत कौशिक — इतिहासकार ज्ञान प्रकाश ने हाल ही में भारत में आपातकाल (1975-1977) के इतिहास पर एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है, शीर्षक...

गांधीजी के नोआखाली के मार्मिक प्रसंग

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महात्मा गांधी ने अगस्त 1946 में नोआखाली जाने का फैसला किया। वे मार्च 1947 तक नोआखाली में रहे।नोआखाली नरसंहार ने समूचे हिंदुस्तान को स्तब्ध...

भला इंसान चला गया!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — साथी सीताराम येचुरी को गंभीर हालत में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में भर्ती की खबर से परेशानी हुई‌...

विश्वगुरु के देश में अन्याय और ज़ुल्म का आलम

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— शिवानंद तिवारी — विश्व गुरु के देश में महाकाल के शहर उज्जैन में दिन-दहाड़े एक ग़रीब महिला के साथ बलात्कार हुआ. लेकिन किसी ने...

यादों में ज़िन्दगी, मुक्तिबोध से मुक्ति नहीं

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— श्री कनक तिवारी — दिग्विजय काॅलेज की बहुत सी यादें हैं। वे लेकिन उलझती रहती हैं। गड्डमगड्ड होती रही हैं। एक दूसरे पर चढ़ी...

आज विनोबाजी के 129 वीं जयंती के बहाने!

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— डॉ. सुरेश खैरनार — विनोबाजी के बारे में 1973-75 के दौरान हुए जेपी आंदोलन में उनकी भूमिका को लेकर मैं बेहद नाराज़ था। लेकिन...