इतनी उदासीनता कहाँ से आती है?
— श्रवण गर्ग —
इन दिनों एक ‘ग़ैर-ज़रूरी’ बहस चल रही है। बहस मुफ़्त के सोशल मीडिया पर ज़्यादा है और हमारे समय के लब्ध-प्रतिष्ठित...
समाजशास्त्री गणनाथ ओबेसेकरे की याद में
— डॉ शुबनीत कौशिक —
दिग्गज समाज शास्त्री और नृविज्ञानी गणनाथ ओबेसेकरे का 25 मार्च 2025 को निधन हो गया। अपनी बहुचर्चित पुस्तकों से समाजविज्ञान...
सत्यदेव त्रिपाठी नहीं रहे!
— राजकुमार जैन —
मैं सत्यदेव त्रिपाठी बोल रहा हूं। जब कभी सत्यदेव जी का टेलीफोन आता था तो इसी वाक्य से बात शुरू शुरू...
कार्ल मार्क्स से डॉ.राममनोहर लोहिया ने सीखा
— विश्वजीत सिंह —
डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि : "मैं यहाँ यह भी बता देना चाहता हूँ कि मार्क्सवाद की किस...
नारायण भाई देसाई की पुण्यतिथि
— विनोद कोचर —
नारायण भाई देसाई-- को सिर्फ इसलिए याद नहीं किया जाता कि वे महात्मा गांधी के निजी सचिव एवं महान स्वतंत्रता संग्राम...
होली और मुगल दरबार
होली मनुष्य और मनुष्यता का त्यौहार है, आनंद और उमंग का त्यौहार है। समष्टि के आनंद उन्माद का त्यौहार है।
मुगल मुसलमान थे तो थे...
महिला दिवस पर, पुरुष को उपहार
— चंचल —
प्रकृति में नारी ,सौन्दर्य की अद्भुत प्रस्तुति समझ कर परे हो जाना , नारी के आधे अधूरे ब्यक्तित्व का बखान होगा ।...
वह सुंदर वृक्ष
— शिवदयाल —
धरमपाल (1922-2006), यह उनका जन्मशती वर्ष है, चिंतक और अध्येता थे, कोई पेशेवर इतिहासकार नहीं, लेकिन उन्होंने ब्रिटिश-पूर्व भारत में शिक्षा तथा...
पुस्तक मेला लोकार्पण मेला में सीमित हो रहा है
— शंभूनाथ —
अब लेखक, शिक्षक और हिंदी अधिकारी सामान्यतः पुस्तकें नहीं खरीदते! पुस्तक मेला हमारे समाज की एक बड़ी घटना है। इसमें बड़ी संख्या...
मूल्यवर्धन सृजन के आचार्य नंदकिशोर
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
हिंदी समाज में कम ऐसे लेखक और विचारक हैं जिनका सृजन और चिंतन सभ्यतामूलक है। नंदकिशोर आचार्य उन बिरले लोगों...
















