Home » महंगाई के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज

महंगाई के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज

by Rajendra Rajan
0 comment 18 views

7 जुलाई। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ 8 जुलाई को पूरे भारत में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनकारी अपने स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, कार, बस, ट्रक और खाली गैस सिलेंडर सहित परिवहन के किसी भी साधन के साथ विरोध के लिए चुने गए सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचेंगे। एसकेएम ने अपील की है कि विरोध के दौरान सड़कों को जाम न किया जाए, बल्कि सड़क के एक तरफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाए।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ कल (8 जुलाई) को पूरे भारत में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनकारी अपने स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, कार, बस, ट्रक और खाली गैस सिलेंडर सहित परिवहन के किसी भी साधन के साथ विरोध के लिए चुने गए सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचेंगे। एसकेएम की अपील है कि विरोध के दौरान सड़कों को जाम न किया जाए, बल्कि सड़क के एक तरफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाए। यह एक ऐसा मुद्दा है जो समाज के हर वर्ग को प्रभावित करता है। एसकेएम ने अपील की है कि किसान, मजदूर, युवा, छात्र, महिलाएं, कर्मचारी, दुकानदार, ट्रांसपोर्टर, व्यापारी और अन्य लोग हर जगह इन विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा बनें। एसकेएम की मांग है कि कीमतों को तुरंत आधा किया जाए।

मिशन पंजाब पर स्पष्टीकरण

संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि संयुक्त मोर्चे के पास पंजाब चुनावों के बारे में न तो कोई विचार था और न ही चर्चा और निर्णय; एसकेएम द्वारा “मिशन पंजाब” जैसा कुछ भी तय नहीं किया गया है। इसलिए एसकेएम ने मीडिया से अपील की है कि वे वविशेष की घोषणाओं और बयानों का श्रेय संयुक्त किसान मोर्चा को न दें।

गेहूं खरीद के आंकड़े पर प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने देश में हुई रिकॉर्ड गेहूं खरीद के आंकड़े जारी किए हैं। इसपर संयुक्त किसान मोर्चा ने है कि इस सीजन में इस स्तर की खरीद के लिए किसानों को खुद को धन्यवाद देना चाहिए। लगातार मजबूत होता किसान आन्दोलन निश्चित रूप से किसानों के लिए लाभप्रद है । इस साल 39.86 फीसदी की खरीद पूर्व के वर्षों की तुलना में अधिक है, जहां खरीद लगभग 31-36 फीसदी थी। और इसी से किसान आंदोलन का औचित्य जाहिर है। साथ ही, कोरोना महामारी और कई लॉक डाउन के दौरान, यह देश के करोड़ों नागरिकों के लिए जीवन रेखा भी बन गया है। हालांकि, सरकार जिस बात का खुलासा नहीं कर रही है, वह उन किसानों की लूट है, जिनसे खरीद नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश में केवल 16.86 फीसदी गेहूं की खरीद की गई और बिहार में केवल 8.18 फीसदी की खरीद की गई। इसी तरह, गुजरात में केवल 4.8 फीसदी|

जिन किसानों से सरकार ने खरीद नहीं की, और जिन्हें उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्यों में बाजारों की शोषणकारी व्यवस्था से निपटना पड़ा, और उन्हें‌ मार्च से जून 2021 के दौरान लगभग 600 करोड़ रुपये की “लूट” का अनुभव हुआ। (रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22)। और यह उस फसल में है जहां कुछ राज्यों में केंद्रित सरकार से कुछ खरीद होती है। यहीं पर सभी किसानों के सभी जिंसों के लिए एमएसपी के कानूनी गारंटी के वास्ते किसान आंदोलन की मांग का औचित्य दिखता है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर से “सद्भावना मिशन” शुरू करने की घोषणा की है। कजारिया टाइल किसान आंदोलन कार्यालय में प्रत्येक सप्ताह गुरुवार, शुक्रवार एवं शनिवार को चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा नेत्र शिविर का आयोजन किया जायेगा तथा प्रत्येक रविवार को विश्वस्तरीय हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा हृदय रोग शिविर का आयोजन किया जायेगा। यह तब तक चलेगा जब तक किसान आंदोलन चलेगा। यह सभी के लिए मुफ्त सेवा है। एसकेएम ने सभी आन्दोलनरत किसानों और साथ ही विरोध स्थल के आसपास के ग्रामीणों से सद्भावना मिशन का अधिकतम उपयोग करने की अपील की। इसी तरह टिकरी बार्डर में विशेष कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

स्थानीय सहयोग

किसानों का आंदोलन विभिन्न स्थानों पर अडिग स्थानीय समर्थन से चलता है। मिसाल के तौर पर गाजीपुर में हापुड़ और मुजफ्फरनगर के गांवों से रोज दूध आता है। गांवों से दूध की आपूर्ति धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती है।

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!