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हकीकत पर बंदिश

by Rajendra Rajan
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— राजकुमार जैन —

मोदी जी,
हमारे बच्‍चों की वैक्‍सीन
विदेश क्‍यों भेज दिया?

दिल्‍ली में हकीकत से रूबरू कराते चन्‍द पोस्‍टर क्या लगे कि दामोदरदास नरेन्‍द्र मोदी उर्फ प्रधान सेवक, आपे से बाहर होकर अपने असली रूप में सामने आ गए। शुरू हो गई धर-पकड़।

छह महीने से अधिक समय हो गया। हिंदुस्‍तान का पेट भरनेवाला किसान तीन काले कानूनों को वापिस कराने की माँग करता हुआ, धूप, बारिश, सर्दी के थपेड़े सहता दिल्‍ली की सरहद पर पुरअमन प्रदर्शन कर रहा है । तीन सौ से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। परंतु देश का प्रधानमंत्री उनकी तरफ मौन धारण करके जता रहा है कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनका गरूर भरा बर्ताव दिल्‍ली में देखने को मिल रहा है। जहाँ ऑक्‍सीजन न मिल पाने के कारण अनेक लोगों ने दम तोड़ दिया, वहीं हिंदुस्‍तान की ऐतिहासिक अजीम, बुलंदियां छूती इमारतों पर बुलडोजर चला, जमींदोज़ कर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर मोदी जी सेंट्रल विस्‍टा के नाम से नई इमारत तामीर करवाने पर आमादा हैं।

इसकी दो वजह है। एक तो मोदी चाहते हैं कि इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए उनका नाम दर्ज हो जाए। संसद भवन, प्रधानमंत्री निवास में उसकी तामीर और उदघाटन का जो शिलापट्ट लगेगा, उसमें लिखा होगा कि इस भवन का उदघाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री दामोदर दास नरेन्‍द्र मोदी के कर कमलों द्वारा हुआ।

इन तारीखी इमारतों को ध्‍वस्‍त करने के पीछे इनका पुराना सियासी एजेंडा भी है कि पुराना नाम जिस किसी भी चीज से जुड़ा है, उसको नेस्तनाबूद करके गोलवलकर, हेडगेवार, सावरकर के नामों के शिलापट्ट लगवाकर नई पीढ़ी को पैगाम दे सकें कि यही हमारे महान हुतात्‍मा हैं। जंगे-आजादी में जिनका दूर-दूर तक कहीं नामोनिशान नहीं था, वही असली देशभक्‍त हैं। एक नई इबारत गढ़ने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

इंग्‍लैंड से बैरिस्‍ट्री की सनद हासिल करके जवाहरलाल नेहरू वापिस हिंदुस्‍तान आकर जंगे-आजादी में बर्तानिया हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए अंग्रेजों की जेल में नौ साल गुजारते हैं। मोदी एजेंडा है कि उनका नाम तारीख से मिटा दो, उनको जितना बदनाम कर सकते हो पूरी ताकत से करो। सोशल मीडिया और आरएसएस के खुफिया अफवाह फैलाऊ अभियान की मार्फत जवाहरलाल नेहरू के चरित्र को लेकर सारी सीमाएं लांघकर हमला किया जा रहा है। जब बात बनती नहीं देखते तो नेहरू की तुलना पटेल से करके नेहरू को बौना सिद्ध करने की कोशिश भाजपा समेत संघ परिवार कर रहा है।

हालात हाथ से फिसलते देखकर अगर मोदी सोच रहे हैैं कि हिटलर, मुसोलिनी, र्इदी अमीन के रास्‍ते पर चलकर सारे मुखालिफों को कुचल दूँगा, तो वे बेहद गलतफहमी के शिकार हैं। मोदी जी आप भूल रहे हैं कि यह गांधी का मुल्‍क है। दमनचक्र जितना बढ़ेगा तब नारा भी उसी जोर से लगेगा-
दम है कितना दमन में तेरे
देख लिया है और देखेंगे
जगह है कितनी जेल में तेरे
देख लिया है और देखेंगे।

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