Tag: किशन पटनायक
भारतीय समाज को कैसे देखें
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले' (प्रकाशक- गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्यप्रदेश) के प्राक्कथन के...
जहाँ कोई जवाबदेह नहीं है
— किशन पटनायक —
(कल प्रकाशित लेख ‘प्रशासनिक सुधार की चुनौती’ का दूसरा हिस्सा)
दरअसल, न प्रशासन सही शब्द है, न गवर्नेन्स। पारंपरिक शब्द ‘राजा-प्रजा’संबंध दोनों...
प्रशासनिक सुधार की चुनौती
— किशन पटनायक —
इस विषय पर लिखते हुए मुझे कुछ पीड़ा होती है। लोकतंत्र को आम आदमी के लिए अर्थवान बनाने की दृष्टि से,...
एक अनूठे समाजवादी नायक किशन पटनायक
— आनंद कुमार —
भारतीय समाजवादी आन्दोलन की लम्बी नेतृत्व श्रृंखला में किशन पटनायक (30 जून 1930 – 27 सितम्बर 2004) एक अनूठे नायक थे।...
राजनीति में नैतिकता का नियामक कौन है
— किशन पटनायक —
राजनीति एक व्यवहार है। जैसे-जैसे किसी राजनैतिक व्यक्ति या समूह की क्षमता औ प्रभाव बढ़ने लगता है, उसको अपने आदर्श और...
सुख की परिभाषा
— किशन पटनायक —
असीमित संपत्ति की अवधारणा हमारी बुद्धिहीनता का परिचायक है। हवा, कोयला, जल, जमीन दुनिया के सभी संसाधन सीमित हैं। जब सारे...
हिंदू को परिभाषित मत करो
— किशन पटनायक —
आश्चर्य की बात है कि अतिशिक्षित लोग भी अकसर कहते हैं कि धर्म एक निजी व्यापार है, इसलिए यह व्यक्तिगत चुनाव...
लागत और कीमत का रिश्ता
(यह लेख अगस्त 1977 में लिखा गया है। इसमें कई जगहों पर विभिन्न चीजों की कीमतों और सरकार या सत्तारूढ़ दल आदि का जो...
महँगाई कैसे रोकें
— किशन पटनायक —
(यह लेख अगस्त 1977 में लिखा गया था। इसमें कई जगहों पर विभिन्न चीजों की कीमतों और सरकार या सत्तारूढ़ दल...
सेकुलर कौन है? – किशन पटनायक
राजनीति में जब कोई अपने को सेकुलर कहता है तो उसका अर्थ है ‘धर्मनिरपेक्ष’। मतलब है कि हमारी राजनीति से धर्म का कोई वास्ता...