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भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए पृष्ठभूमि तैयार...
— अरुण कुमार डनायक —
जब महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ का आह्वान किया था तब भारत के राजनीतिक क्षितिज पर कैसा परिदृश्य था, इस पर विचार...
‘भारत छोड़ो’ : समाजवादी आंदोलन का एक चमकता पन्ना
— अनिल सिन्हा —
उन्नीस सौ बयालीस के आंदोलन में समाज के हर तबके की भागीदारी थी और पूरी सांप्रदायिक एकता थी। भारत छोड़ो का...
युवाओं के प्रेरणा-पुरुष जयप्रकाश
— सच्चिदानंद सिन्हा —
जयप्रकाश नारायण 1946 में जेल से छूटे तो राष्ट्र ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया- वह भारत छोड़ो आंदोलन और अगस्त क्रांति...
1942 की एक समानांतर सरकार ‘स्वतंत्र बलिया प्रजातंत्र’
— विवेकानंद सिंह —
1 सितंबर 1939,दिन शुक्रवार को पोलैंड पर जर्मनी के आक्रमण के साथ ही ही द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हो गया। ब्रितानिया सरकार...
क्रांति का बिगुल : पांचवीं और अंतिम किस्त
— अनिल सिन्हा —
आजाद दस्ता
यह आंदोलन का तीसरा चरण था और सबसे साहसिक। मार्च, 1943 में नेपाल की तराई में जयप्रकाश नारायण ने आजाद...
क्रांति का बिगुल : चौथी किस्त
— अनिल सिन्हा —
बलिया की आजाद सरकार
सप्ताह भर भी नहीं चली बलिया की सरकार उग्रता और विद्रोह में एक इतिहास बना गयी। आजादी के...
लोहिया क्यों मानते थे कि 9 अगस्त की अहमियत 15 अगस्त...
नौ अगस्त 1942 से सारे देश में क्रांति-पर्व शुरू हुआ था। इस साल 2021 में इसकी 79वीं जयंती मनायी गयी। स्वतन्त्रता आन्दोलन के अंतिम...
भारत छोड़ो आंदोलन की चेतना के मायने
— प्रेम सिंह —
अगस्त क्रांति के नाम से मशहूर और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर माने जानेवाले भारत छोड़ो...
9 अगस्त 42 को शुरू हई जनक्रांति ने देश को आजादी...
— डॉ. सुनीलम —
नौ अगस्त, 2021 अगस्त क्रांति दिवस की 79वीं वर्षगांठ है। समाजवादी चिंतक व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. लोहिया चाहते थे कि...
क्रांति का बिगुल : दूसरी किस्त
— अनिल सिन्हा —
आठ अगस्त को आंदोलन की घोषणा और नौ अगस्त को गांधीजी का करो या मरो का संदेश मिलते ही देश के...