(जयप्रकाश नारायण इमरजेंसी के दौरान जब चंडीगढ़ पीजीआई के गेस्ट हाउस में नजरबंद थे तो उनकी निगरानी की जिम्मेदारी चंडीगढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी एमजी देवसहायम को दी गयी थी। देवसहायम …
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(इस संस्मरण के लेखक विनोद कोचर को इमरजेंसी के दौरान नरसिंहगढ़ जेल में मधु लिमये के सान्निध्य में आने और उन्हें बेहद करीब से जानने समझने का मौका मिला। मधु …
— अशोक वर्मा — ऋषि तुल्य राजनेता, प्रख्यात एवं मौलिक मार्क्सवादी चिंतक, अलग झारखंड राज्य के शिल्पकार तथा माफिया के चंगुल में कराहते कोयला मजदूरों के उद्धारक कॉमरेड एके राय …
— जयशंकर गुप्त — कई महीने जेल में बिताने के बाद परीक्षा के नाम पर हमें पैरोल-जमानत मिल गई लेकिन हम एक बार जो जेल से निकले तो दोबारा लौटने …
भारत को ब्रिटिश राज से लेकर इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज से मुक्ति में अग्रणी भूमिका के लिए सतत प्रेरणा-स्रोत रहे जयप्रकाश नारायण जीवन भर सवालों की बौछार के बीच …
(दूसरी किस्त) सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन को असफल करने के लिए राजसत्ता की तरफ से की गयी व्यूह-रचना में आचार्य विनाबा भावे की प्रतिष्ठा को दाँव पर लगाने में संकोच नहीं …
यह स्वीकार करना चाहिए कि जेपी के सार्वजनिक जीवन में तीन विवादग्रस्त निर्णय रहे हैं – (1) 1954 में समाजवादी दल से अलग होकर निर्दलीय सर्वोदय अभियान के लिए जीवन-दान …
जयप्रकाश नारायण ने अपने सतहत्तर बरस के कर्मयोगी जीवन में देश-दुनिया के साथ एकतरफा योगदान का सम्बन्ध रखा। किसी चुनाव में उम्मीदवार बनकर अपने लिए वोट नहीं माँगा। कभी किसी …
जयप्रकाश नारायण ने अपने सतहत्तर बरस के कर्मयोगी जीवन में देश-दुनिया के साथ एकतरफा योगदान का सम्बन्ध रखा। किसी चुनाव में उम्मीदवार बनकर अपने लिए वोट नहीं माँगा। कभी किसी …
(दूसरी किस्त) लोकहितकारी लोकतंत्र की रचना का आवाहन अंतत: कांग्रेस, कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जैसे महत्त्वपूर्ण दलों को अपने जीवन के 1930 से 1954 तक …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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