Tag: Hindi poetry
उठाओ माथ गर्वीला
— अंकेश मद्धेशिया —
उमाकांत मालवीय जी की ख्याति नवगीतकार, कवि एवं ललित निबंधकार के रूप में है। कुछ महीनों पहले मुझे उनके कथाकार से भी...
सड़क पर मोर्चा
— विनोद दास —
हम जानते हैं
रेल पटरियां ठिकाने पर पहुंचने के लिए हैं
कटकर मरने के लिए नहीं
सड़क चलने के लिए है
बैठने के लिए...
निराला की कविता : राजे ने अपनी रखवाली की
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
राजे ने अपनी रखवाली की;
किला बनाकर रहा;
बड़ी-बड़ी फौजें रखीं।
चापलूस कितने सामंत आए।
मतलब की लकड़ी पकड़े हुए।
कितने ब्राह्मण आए
पोथियों में जनता को बाँधे हुए।
कवियों...
जो रचता है वही मुक्त भी करता है
— रंजना अरगडे —
आखिर मैं इस रचना- ‘अथर्वा- मैं वही वन हूँ’ के बारे में क्यों लिख रही हूँ?
वह कृति जिसके पहले शब्द- अथर्वा- से ही...
दिनेश कुशवाह की चार कविताएँ
ईश्वर के पीछे
(स्टीफन हाकिंग के लिए)
ईश्वर के अदृश्य होने के अनेक लाभ हैं
इसका सबसे अधिक फायदा
वे लोग उठाते हैं
जो लोग हर घड़ी यह प्रचारित करते...
भवानी प्रसाद मिश्र की कविता – मेरा दुख
एक पहाड़ से
निकला था मेरा दुख
बियाबानों में से
और बहा फिर वह
मैदानों में
खेतों तक
ले गए उसे लोग
तो वह गया
और हरे किए उसने
घावों की तरह
इनके उनके
सबके...
नागार्जुन की कविता – उनको प्रणाम !
जो नहीं हो सके पूर्ण-काम
मैं उनको करता हूँ प्रणाम!
कुछ कुंठित औ’ कुछ लक्ष्य-भ्रष्ट
जिनके अभिमंत्रित तीर हुए,
रण की समाप्ति के पहले ही
जो वीर रिक्त...
गिरधर राठी की तीन कविताएं
जब ये शब्द भी भोथरे हो जाएंगे
चोर को कहा चोर
वह डरा
थोड़े दिन
डरा क्योंकि उस को पहचान लिया गया था
चोर को कहा चोर
वह खुश हुआ
बहुत...