Tag: Indian Society
How rise in inequality distorts Indian society – MOHAN GURUSWAMY
“The nature of the institutions determines outcomes, not the means of production or processes”
In 2013 the French economist Thomas Piketty released “Capital in the...
स्वभाव से बहुत लचीले पर मूल्यों को बदलने वालों के लिए...
— कुमार प्रशांत —
गांधीजी हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस करते थे। उनमें गजब का लचीलापन था। पर एक जगह पर आकर वे...
जाति न पूछो साधु की, जात-पात करो कदम-कदम पर
— मणिमाला —
1911 में हुई जनगणना में जातीय आधार शामिल किया गया था. हालांकि उसे सार्वजनिक नहीं किया गया. कहा गया कि कई सारी...
विकास की कोई नई अवधारणा बन नहीं रही है, ऐसी स्थिति...
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले’ (प्रकाशक-गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्य प्रदेश) के...
भारतीय समाज को कैसे देखें
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले' (प्रकाशक- गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्यप्रदेश) के प्राक्कथन के...















