Tag: Indian Society
स्वभाव से बहुत लचीले पर मूल्यों को बदलने वालों के लिए...
— कुमार प्रशांत —
गांधीजी हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस करते थे। उनमें गजब का लचीलापन था। पर एक जगह पर आकर वे...
जाति न पूछो साधु की, जात-पात करो कदम-कदम पर
— मणिमाला —
1911 में हुई जनगणना में जातीय आधार शामिल किया गया था. हालांकि उसे सार्वजनिक नहीं किया गया. कहा गया कि कई सारी...
विकास की कोई नई अवधारणा बन नहीं रही है, ऐसी स्थिति...
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले’ (प्रकाशक-गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्य प्रदेश) के...
भारतीय समाज को कैसे देखें
— किशन पटनायक —
यह लेख देवीप्रसाद मौर्य की पुस्तक ‘क्रांति के पहले' (प्रकाशक- गंगा प्रसाद तिवारी, चौखंभा प्रकाशन, 9/5 जवाहर मार्ग, इंदौर, मध्यप्रदेश) के प्राक्कथन के...