जब अंग्रेजी हुकूमत में यह हालत थी तो उसके पूर्व क्या होता होगा?पेशवाओं का राज विशुद्ध ब्राह्मणी राज बन गया था। समानता नाम की चीज लेशमात्र भी वहाँ नहीं थी। …
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परंपरागत हिंदू कानून के अनुसार अगड़ी यानी उच्च जातियों में विधवाओं के पुनर्विवाह का निषेध था। कतिपय आधुनिक विद्वान पुनर्विवाह के पक्ष में कुछ सबूत जरूर पेश करते थे, लेकिन …
न्याय प्रणाली में परिवर्तन सन 1857 के विद्रोह के बाद भारत में अंग्रेजों की हुकूमत सीधे इंग्लैण्ड की सरकार के हाथ में चली गयी। कुछ वर्षों बाद इंग्लैण्ड की रानी …
अंग्रेजी हुकूमत की स्थापना के बाद बंगाल की जो हालत हुई उसके बारे में बेचर नाम के कलकत्ता कौंसिल के एक सदस्य ने 1769 में कहा था : ‘किसी भी …
दक्षिण में पांडिचेरी फ्रांसीसियों का व्यापारिक केंद्र बन गया था। उसके उत्तर में मद्रास अंग्रेजों का। जब यूरोप में फ्रांस और ब्रिटेन के बीच लड़ाई शुरू हो गयी तो उसका …
लेकिन उन दिनों हमारे देश में क्या हो रहा था? यह विडंबना की ही बात है कि उन दिनों हमारे देश में केवल पुराने धर्मग्रंथों को लेकर शुष्क और निरर्थक …
उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेज अफसरों द्वारा उत्तरी भारत का जो आर्थिक सर्वेक्षण किया गया था उसका जिक्र रमेश दत्त ने अपनी किताब में किया है। इस सर्वेक्षण के …
अंग्रेजों का आगमन हमारे यहाँ होता है 17वीं शताब्दी की शुरुआत से। जो लोग कहते हैं कि वे आधुनिक कारखानों द्वारा निर्मित सस्ता माल लेकर आए और उस सस्ते माल …
पश्चिम के साम्राज्यवाद के बारे में कुछ भ्रांतियाँ हमारे देश में कुछ विचारकों द्वारा फैलाई जा रही हैं। जैसे हमारे देश में जो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट हैं वे अक्सर कहते हैं …
— अरुण कुमार त्रिपाठी — सन 2022 में मधु लिमये पर लिखना और उन्हें याद करना कोई आसान नहीं है क्योंकि इस दौर में न तो मधु लिमये जैसा नेता …
वेब पोर्टल समता मार्ग एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।
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