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जेटीईटी के अभ्यर्थियों के लिए ट्विटर अभियान

by Rajendra Rajan
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4 जून। यूथ फॉर स्वराज ने JTET 2016 के अभ्यर्थियों के अभियान का समर्थन किया है। 6 जून को होनेवाले ट्विटर अभियान में यूथ फॉर स्वराज पूरे देश से इस मामले में समर्थन जुटाएगा।

नीति आयोग द्वार जारी सतत विकास लक्ष्य 2020-21 की सूची में झारखंड ने बिहार की भांति शर्मनाक प्रदर्शन किया है, और सूची में सबसे नीचे और सिर्फ बिहार से ऊपर है। इसके बावजूद झारखंड सरकार शिक्षा और रोजगार पर ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरन को चुनाव से पहले बेरोजगारी और शिक्षा पर युवाओं के ट्विटर कैंपेन में खुद के द्वारा किए ट्वीट को फिर से देखना चाहिए।

यूथ फॉर स्वराज के एम्प्लॉयमेंट फ्रंट के संयोजक अंकित त्यागी ने कहा कि हम झारखंड के युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। झारखंड में टीईटी की परीक्षा 2016 में हुई थी जिसकी वैधता 5 साल होती है, परंतु हैरानी की बात यह है कि परीक्षा में पास हुए 52 हजार अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में बैठने का मौका ही नहीं मिला है। सरकार ने टीईटी की परीक्षा के बाद प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए शिक्षक भर्ती ही नहीं निकली है। ऐसे में उनकी उम्र भी निकल रही है, टीईटी की वैधता भी खत्म हो रही है। ये 52 हजार युवा बेरोजगारी के अंधेरे कुएं में गिरते नजर आ रहे हैं।

युवा कई बार ट्विटर कैंपेन चला चुके हैं और सरकार से शिक्षक भर्ती शुरू करने की मांग कर चुके हैं। इसलिए अभ्यर्थी एक बार फिर 6 जून को ट्विटर पर “JTET_2016_कीसीधीबहाली” नाम से हैशटैग चलाएंगे, और इस कैंपेन में यूथ फॉर स्वराज भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेगा, और अभ्यर्थी के साथ सरकार को चुनाव से पहले किए गए वादे को याद दिलाने की कोशिश करेगा।

यूथ फॉर स्वराज की कम्युनिकेशन सेक्रेटरी जाह्नवी ने बताया कि सरकार द्वारा स्कूलों को कम विद्यार्थी होने के नाम पर विलय किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है। इससे कई गांवों में स्कूल बंद हो गए हैं। माना स्कूलों में बच्चे कम थे पर स्कूलों को इसी मकसद से खोला गया था कि एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए, ऐसे में अब एक गांव की लड़की दूसरे गांव में पढ़ने के लिए कैसे जा पाएगी? सरकार की यह नीति अशिक्षा को बढ़ावा दे रही है।

अंकित त्यागी का यह भी कहना है कि राज्य का युवा सरकार से पूछ रहा है कि जहां देश में बेरोजगारी दर 11.5% है वही झारखंड में 16% की बेरोजगारी दर का जिम्मेदार कौन है?

वही अगर पढ़े लिखे युवाओं में बेरोजगारी दर देखी जाए तो CMIE के आंकड़े बताते हैं कि स्नातक या उससे ज्यादा पढ़ाई किए हुए युवाओं के बीच में 32.8% की भयंकर बेरोजगारी दर है। युवा हाथ में डिग्री लिये घूम रहा है पर राज्य सरकार उसे रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल है।

ऐसे में यूथ फॉर स्वराज सरकार से मांग करता है कि राज्य में रिक्त पदों पर तुरंत नियोजन करके कुछ राहत प्रदान की जाए। शिक्षक बहाली को तुरंत पूरा किया जाए।

यूथ फॉर स्वराज
संपर्क 9429425810

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