किसान संघर्ष समिति ने की ऑनलाइन पंचायत

0

12 मई। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष,पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में ऑनलाइन 281वीं किसान पंचायत सम्पन्न हुई। किसान पंचायत को मेधा पाटकर सहित बीस जिलों के किसान नेताओं ने संबोधित किया। किसान पंचायत का संचालन किसान संंघर्ष समिति की उपाध्यक्ष आराधना भार्गव ने किया। बुधवार को 10 से 12 बजे किसान पंचायत जूम पर तथा 12 से डेढ़ बजे के बीच बहुजन संवाद पर आयोजित की गई जिसमें मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 40 साथियों ने अपने विचार रखे।

ऑनलाइन किसान पंचायत को संबोधित करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा कि न्याय व्यवस्था को किसान आंदोलन के प्रति जो संवेदना दिखानी चाहिए वह नहीं दिखा रही है। सरकार ने जो एमएसपी तय की है वह भी सही नही है। स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार यदि गेहूं के दाम का आकलन किया जाए तो गेहूं का तीन हजार से भी अधिक दाम मिलेगा। एमएसपी बढ़ेगी तो मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आज गैरबराबरी मिटाने का वक्त है। किसानों को मजदूरों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।

किसान पंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली के बॉर्डरों पर 167 दिन से धरना चल रहा है। रीवा तथा सतना के रामनगर में 130 दिन से धरना चल रहा है।इसी तरह गाँव गाँव में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरना चलाना चाहिए।

डॉ सुनीलम ने कहा कि लॉकडाउन से किसानों की सब्जी, दूध, फल नष्ट हो रहे हैं, उनका भी मुआवजा दिया जाना चाहिए तथा दैनिक मजदूरी करनेवाले श्रमिकों को दस हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाना चाहिए। उन्होंने गेहूं की संपूर्ण खरीद करने, सभी का निशुल्क वैक्सीनेशन करने तथा सभी कोरोना मरीजों का निशुल्क उपचार करने की मांग की।

किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव ने बताया कि किसान संघर्ष समिति द्वारा वे प्रतिदिन 12 से 2 बजे तक जूम मीटिंग के माध्यम से 3 किसान विरोधी कानूनों के बारे में किसानों को जानकारी देकर संगठित करने का प्रयास कर रही हैं।

इंदौर से किसान संघर्ष समिति के मालवा-निमाड़ क्षेत्र संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि देश में नकली दवाओं का कारोबार फलफूल रहा है। भाजपा नेताओं द्वारा गुजरात से मध्यप्रदेश में नकली दवाएं लायी जा रही हैं। श्मशान में लाशों को जलाने की जगह नहीं मिलने पर लोग मजबूरन लाशें नदियों में बहा रहे हैं।

किसान संघर्ष समिति के रीवा क्षेत्र संयोजक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि विगत 130 दिनों से रीवा में धरना-प्रदर्शन चल रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने रीवा में किसान आंदोलन को समाप्त करने की पुरजोर कोशिश की लेकिन हमारा आंदोलन गांव में आज भी जारी है। उन्होंने रीवा पुलिस अधीक्षक द्वारा सब्जी विक्रेता किसानों के साथ मारपीट करने पर आक्रोश व्यक्त किया।

सीधी से रोको-टोको-ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों से पूरे देश के लोगों को नुकसान होगा। प्रदेश में किसान आंदोलन के मुद्दे को जन जन तक पंहुचाना आवश्यक है। हमें मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के स्तर पर पहुँचाना है।

किसान संघर्ष समिति बैतूल के जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के ने कहा कि सरकार की मंशा देश में मंडी व्यवस्था खत्म करने की है। किसान अपनी उपज बेचने के लिए एसएमएस का इंतजार कर रहे हैं। सिलवानी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव श्रीराम सेन ने कहा कि प्रदेश में जन कल्याणकारी राज नहीं पुलिस राज चल रहा है। मंदसौर से किसंस के जिलाध्यक्ष दिलीप पाटीदार ने कहा कि कोरोना महामारी से लोग इतने भयभीत हैं कि वे अपने परिजनों का इलाज और दाह संस्कार करने में भी डर रहे हैं।

मुरैना के पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्रा ने कहा कि पीएम केयर्स फंड से जो वेंटीलेटर खरीदे गए हैं वे सारे के सारे काम नहीं कर रहे हैं। इससे बड़ा नरसंहार क्या हो सकता है। सबका साथ सबका विकास की जगह, सबका एकसाथ विनाश हो रहा है। सिवनी से राजेश पटेल ने कहा कि सरकार ने खाद के दाम बढ़ा दिए जबकि उपज के दाम ज्यों के त्यों हैं। किसानों को रासायनिक खाद सस्ते दामों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि किसानों को घाटा न हो। सिवनी से किरण प्रकाश ने कहा कि सरकार बड़े पैमाने पर राशन कार्ड धारकों के नाम काट रही है। इससे साबित होता है कि सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमें किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सरकार से मिलकर लड़ना होगा।

सिवनी से किसंस के सचिव महेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि ओलावृष्टि और तूफान से सब्जी,फल की फसल नष्ट हुई है लेकिन अभी तक नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। कोरोना की आड़ में सरकार सभी आवश्यक कार्य प्रभावित कर रही है। बिरुल बाजार (मुलताई) से किसंस के पट्टन ब्लॉक अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा कि कोरोना महामारी से मृत व्यक्ति के परिजन को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दावा भुगतान करने में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। गेहूं खरीद के पंजीकृत किसान जिनकी कोरोना महामारी या अन्य कारणों से मृत्यु हो गई है ऐसे लोगों के परिजनों से समर्थन मूल्य पर खरीद तथा भुगतान नहीं किया जा रहा है। बांध के कैचमेंट एरिया में लघु कृषकों को कपिलधारा योजना के तहत कुआं खोदने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए। सिवनी से रघुवीर पटेल ने कहा कि किसानों की उपज शहरों की ओर नहीं जा पा रही है। एक ट्राली गेहूं बेचने में हफ्ते लग जाते हैं। यही हाल रहा तो एक दिन किसान खेती बंद कर देगा। सिवनी से किसंस के डॉ राजकुमार सोनोडिया ने कहा कि गाँव गाँव में कोरोना, वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम तथा टायफाइड के मरीज बढ़ते जा रहे हैं लेकिन गांवों की ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

मुलताई से किसंस के अधिवक्ता विनोद सिंह रघुवंशी ने कहा कि चमकहीन गेहूँ बताकर किसानों को खरीदी केंद्र से लौटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पूरे गांव को प्रधानमंत्री बीमा योजना से वंचित रखा गया है। छिंदवाड़ा के ओमकार पटेल ने कहा कि सरकार ने अपने को और कारपोरेट को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की लूट शुरू की है। वह मंडी खत्म कर किसानी खत्म करना चाहती है।

गाजीपुर के हरेंद्र यादव ने कहा कि खाद, बीज, पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम को लेकर तथा अपनी उपज के कम दाम मिलने को लेकर किसान चिंतित हैं। नौजवान भी अपनी बात करना चाहता है लेकिन उसकी सुनी नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसल को बहुत नुकसान हो रहा है। गाजीपुर से किसंस के उत्तर प्रदेश के महामंत्री रमेश यादव ने कहा कि इस महामारी के दौर में सरकार 75 फीसद सरकारी खरीद तथा 25 फीसद बिचौलियों से खरीद कर रही है। आमला से किसंस के नेपालसिंह ठाकुर ने बताया कि इस साल गन्ना किसानों को गन्ने का रेट नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश है।

किसान संघर्ष समिति के महामंत्री भागवत परिहार ने कहा कि देश में हो रहे विरोध के स्वर को दबाने का सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है लेकिन हमें पीछे हटना नहीं है। झाबुआ से किसंस के प्रदेश सचिव राजेश बैरागी, ग्वालियर से किसंस के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव, मंडला से किसंस के जिलाध्यक्ष रामसिंह कुलस्ते, हरदा से किसंस के जिलाध्यक्ष योगेश तिवारी, छतरपुर से दिलीप शर्मा, छिंदवाड़ा से सतीश जैन, सुबोध कुमार शर्मा, केवलारी से जुगराज सिंह, करण सिंह, लक्ष्मण कुमार मालवीय, दिनेश कुपाड़े, उमेश झोड़, प्रेमचंद मालवीय, सुभाष पंवार, अशोक पंवार, जितेंद्र पटेल, नरेश भार्गव, रघुवर पटेल, राजेश पटेल, रामविलास मसकरे, लक्ष्मण कुमार मालवीय, वंदित मॉन, करण शाह उइके आदि साथियों ने भी अपने विचार रखे।

किसान पंचायत में निम्न प्रस्ताव पारित किए गए :

1. तीनों किसान विरोधी कृषि कानून रद्द किये जाएं।
2. बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लिया जाए तथा अवैध बिजली बिल वसूली बंद की जाए।
3.सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी
गारंटी दी जाए।
4. सभी किसानों का गेहूं, चना, सरसों, मसूर की एमएसपी
पर खरीद की जाए।
5. कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए खरीदी केंद्र बढ़ाए जाएं।
6. सभी किसानों का कर्जा माफ करो।
7. मृतक किसान के वारिस की उपज की एमएसपी पर खरीद कर भुगतान किया जाए।
8. सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, दवाई और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जाए।
9. कृषि उत्पादों के अलावा फल, सब्जी, दूध तथा वनोपज की भी एमएसपी पर खरीद की जाए।

भागवत परिहार
कार्यालय सचिव
किसंस,कार्यालय मुलतापी
9752922320

Leave a Comment