19 जुलाई। वाराणसी में दृष्टिबाधित छात्रों तथा बनारस के नागरिक समाज ने दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय बंद किये जाने के विरोध में विकलांग अधिकार छात्र समिति के बैनर तले दुर्गाकुंड पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर हुई सभा में विकलांग अधिकार छात्र समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि दृष्टिबाधित छात्रों को भी नागरिक के तौर पर स्वास्थ्य और शिक्षा का अधिकार है। हम आज भी इस मुद्दे के साथ खड़े हैं कि हमारा विद्यालय हमारे लिए आवश्यक है, इसे बंद न किया जाए, किंतु किसी भी प्रशासनिक अधिकारी व मंत्री के कान तक हमारी बात नहीं पहुँच रही। इसलिए हम अन्ध विद्यालय के दरवाजे पर खड़े होकर अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं। बनारस के लोगों से गुजारिश है कि हमारी बात सर्वोपरि रखकर इसपर विचार करें और सरकार तक पहुंचाने का प्रयत्न करें।
क्या इक्कीसवीं सदी का भारत में दृष्टिबाधित विकलांग छात्रों को शिक्षा का अधिकार नहीं होगा? इस बनारस में एक पूंजीपति किशन जालान अपने पैसे और सत्ता में पहुँच के बल पर इस अन्ध विद्यालय को बंद कर रहा है। आश्चर्य की बात है कि इस पूंजीपति के खिलाफ शिकायत न तो अफसर सुन रहे न तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री। जालान जैसे व्यापारियों का शिक्षा पर यह हमला नागरिक समुदाय तथा छात्रों के लिए खतरे से खाली नहीं है, इसलिए सरकार इस विद्यालय को अधिग्रहित करे, बंद न करे।
शहर के कई संस्थाओं के लोग और बनारस के आम नागरिक इस मानव श्रृंखला में शामिल थे। लगभग एक किलोमीटर लंबी इस मानव श्रृंखला में 70 से अधिक दृष्टिहीन छात्र मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच जालान के सामने भी प्रदर्शन किया गया।
मानव श्रृंखला में मुख्य रूप से अभय शर्मा, संजीव सिंह, रामजनम, राकेश, गौरव, ओम शुक्ला, अर्जुन, दीपक, वकील भारतीय, गोपाल यादव, संतोष मिश्रा, आकाश रंजन, योगेंद्र राजभर, राकेश, यशवन्त, सुनील यादव, मनदीप शर्मा, विकास भारतीय, मनीष, अफलातून, राजेन्द्र चौधरी, अभिनव, नीरज, प्रियेश, अनन्त मुरारी, जागृति राही, साक्षी, आदि लोग मौजूद रहे।
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