24 जुलाई। संयुक्त किसान मोर्चा की किसान संसद सोमवार को फिर से चलेगी। जैसा कि मोर्चा की ओर से पहले ही बताया जा किया जा चुका है, जंतर-मंतर पर किसान संसद, संसद के सभी कार्य-दिवसों पर, वहां की कार्यवाही के समानांतर चलेगी। 22 और 23 जुलाई 2021 को किसान संसद के दो दिन की कार्यवाही में किसान-विरोधी ‘एपीएमसी बाईपास’ अधिनियम पर चर्चा हुई और इसे तत्काल निरस्त करने का संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया। किसान संसद की बहस में यह भी माना गया कि मौजूदा मंडी प्रणाली में राज्य सरकारों द्वारा केंद्र से बजटीय मदद से प्राप्त कर सुधार करने की आवश्यकता है। दो दिन पहले किसान संसद से पारित हो चुके प्रस्ताव में भी इस पहलू को शामिल किया गया है।
किसान संसद व्यवस्थित, शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चली और वाद-विवाद विस्तृत और विश्लेषणकारी रहा। इस बीच, संसद के मानसून सत्र में अब तक की चार दिनों की कार्यवाही ने, मोदी सरकार के कामकाज के संबंध में गंभीर चिंताओं, और आम नागरिकों और हमारे लोकतंत्र के सामने आनेवाले महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है। याद रहे कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों को एक पीपुल्स व्हिप जारी किया था।
लघु किसान संसद भी
उल्लेखनीय है कि अन्य स्थानों पर भी छोटी किसान संसद का आयोजन किया जा रहा है। पंजाब के लुधियाना जिले के किला रायपुर में अडानी के ड्राई पोर्ट पर धरना स्थल पर कल बच्चों ने किसान संसद चलायी। इस आंदोलन का महत्त्व यह है कि यह नागरिकों की कई पीढ़ियों को इसमें शामिल होने और योगदान करने के लिए प्रेरित कर रहा है!
पंजाब से पूर्व नौकरशाहों का समर्थन
पंजाब से, कीर्ति किसान फोरम नामक सेवानिवृत्त नौकरशाहों और सुरक्षाकर्मियों के एक मंच ने चल रहे किसान आंदोलन और जंतर मंतर पर किसान संसद के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। इसी तरह, सेवानिवृत्त एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास ने पंजाबी में एक संदेश जारी करके किसान आंदोलन को अपनी समर्थन दिया और उसके प्रति एकजुटता जतायी। उन्होंने संघर्ष के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों की शांति और उनके अनुशासन की प्रशंसा की।
सिंघू बॉर्डर धरना स्थल पर आज फिर आग लग गयी और इस घटना में किसानों के कई टेंट जलकर राख हो गए। हालांकि, किसानों की भावना अप्रभावित है और सब ‘चढ़दी कलां’ है।
भाजपा नेताओं का विरोध जारी
पंजाब और हरियाणा में भाजपा नेताओं के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। हाल ही में राजस्थान में भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष को अलवर के पास काले झंडे सहित विरोध का सामना करना पड़ा। परसों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की बारी थी जब वह रुद्रपुर आए थे। उनके दौरे के विरोध में स्थानीय किसान बड़ी संख्या में एकत्र हुए और पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पंजाब के फगवाड़ा में कल सतनामपुरा गांव में भाजपा नेता सोम प्रकाश (केंद्रीय मंत्री) और विजय सांपला के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ।
हरियाणा में, प्रशासन ने औपचारिक रूप से हिसार में किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को बंद कर दिया। ये मामले मुख्यमंत्री के दौरे का विरोध करने पर दर्ज़ किये गये थे। जाहिर है, यह किसानों के सत्याग्रह की सफलता है।
9 अगस्त को पूरे बिहार में विरोध प्रदर्शन
बिहार में, एआईकेएससीसी (अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति) के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों ने 9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया।