27 जुलाई। 2018 एसएससी जी.डी. के अभ्यर्थियों को अभी तक जॉइनिंग नहीं मिली है। इस भर्ती से बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स जैसे अर्धसैनिक बलों के विभागों में नियुक्ति होती है। दिल्ली के जंतर मंतर पर हिंदीभाषी राज्यों के अलावा असम, गुजरात और महाराष्ट्र से भी युवा आंदोलित हैं।
मंगलवार को ये सभी चयनित युवा अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर एकत्रित हुए। उच्च पुलिस अधिकारियों से 16 अगस्त को गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलाने का आश्वासन मिलने पर युवाओं ने अपना आंदोलन 15 अगस्त तक टाल दिया।
‘युवा हल्ला बोल’ आंदोलित युवाओं का नेतृत्व कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने इन युवाओं के आंदोलन का समर्थन करते हुए गाजीपुर धरना स्थल पर इन्हें शरण दी।
युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और एसएससी 2018 में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़नेवाले गोविंद मिश्रा बताते हैं कि, “देशभर से 55 हजार अभ्यर्थियों को एसएससी द्वारा मेडिकली फिट का दर्जा दिया गया। उनमें 6 हजार युवाओं की जॉइनिंग अभी भी रुकी हुई है। देशभर में अर्ध सैनिक बलों के एक लाख दस हजार से ज्यादा पद खाली हैं। अगर मोदी सरकार देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य की चिंता करती है तो कम से कम रिक्त पदों को अविलंब भरे।”
युवा हल्ला बोल के मुख्य प्रवक्ता ऋषव रंजन का कहना है, “ये युवा पहली बार दिल्ली नहीं आए हैं। इससे पहले दो बार दिल्ली में प्रदर्शन कर चुके हैं फिर भी मोदी सरकार इन्हें अनसुना कर रही है। प्रधानमंत्री या गृहमंत्री के लिखित आदेश से कम में हमें कुछ भी मंजूर नहीं है। एक तरफ भारत सरकार हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करती है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी इतनी महत्त्वपूर्ण भर्ती को वो पिछले तीन साल से लटकाई हुई है।”
एसएससी की परीक्षा पास किये मध्यप्रदेश के प्रदीप पटेल ने बताया कि “एसएससी द्वारा वेटिंग लिस्ट जारी न होने के कारण खाली हुए पद पर हम मेडिकल फिट युवाओं को मौका नहीं मिला।” प्रदीप ने बताया कि “नयी भर्ती में कोरोना के चलते देरी हुई और तब भी हमें आयु में छूट नहीं मिली।”