वरिष्ठ समाजवादी ओमप्रकाश श्रीवास्तव नहीं रहे

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3 सितंबर। शुक्रवार सुबह वरिष्ठ समाजवादी नायक ओमप्रकाश श्रीवास्तव के महाप्रस्थान का समाचार पाकर बहुत शोक हुआ। इसी बात से सांत्वना मिलेगी कि ओमप्रकाश जी ने समर्पित समाजवादी के रूप में एक सार्थक जीवनयात्रा पूरी की। निष्ठा, समर्पण और कर्मठता के संगम के रूप में वह अद्वितीय समाजवादी थे। मुझे भी उन्हें निकट से जानने का अवसर भारत-यात्रा और जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में उनकी 1989-92 के बीच की सक्रियता के दौरान मिला था।

जौनपुर के एक सम्मानित परिवार में जनमे तथा काशी विश्वविद्यालय में सुशिक्षित ओमप्रकाश जी आजादी के बाद की पहली पीढ़ी के आदर्शवादी युवक के रूप में समाजवादी विद्यार्थी मंच समाजवादी युवजन सभा के जरिए सार्वजनिक जीवन में प्रविष्ट हुए थे। विद्यार्थी जीवन में उनकी चंद्रशेखर, रामधन, रामायण राय, सुरेन्द्र मोहन, गौरीशंकर राय और नारायण दत्त तिवारी जैसे प्रखर युवा समाजवादियों से मैत्री हुई और उन्होंने राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद आजीवन मैत्री का निर्वाह किया। लखनऊ से प्रकाशित समाजवादी साप्ताहिक ‘संघर्ष’ के जरिए उनकी पहचान बनी। आचार्य नरेन्द्रदेव से लेकर चंद्रशेखर जी तक उन्होंने सात दशकों तक समाज परिवर्तन की राजनीति में पूर्ण समर्पण की भावना से स्मरणीय योगदान किया।

वह चंद्रशेखर जी की प्रसिद्ध ‘भारत यात्रा ‘ के नेपथ्य नायक रहे। प्रसोपा, कांग्रेस, जनता पार्टी, समाजवादी जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी उनकी राजनीतिक साधना के क्रमशः आधार बने। समाजवादी जनता पार्टी की उ. प्र. शाखा की अध्यक्षता, उ. प्र. विधान परिषद की सदस्यता और श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व में कैबिनेट मंत्री का पदभार भी सँभाला। इस प्रकार समाजवादी परिवार ने भी उनके योगदान का पूरा सम्मान किया। उनका सादगी से परिपूर्ण निजी जीवन, स्नेहिल व्यक्तित्व, सहयोग क्षमता, आत्मविश्वास और धीरज सबके लिए अनुकरणीय थे। समाज में न्याय, समता और प्रगति के लिए प्रयास कर रहे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को ओमप्रकाश श्रीवास्तव जी की यशस्वी जीवनयात्रा से प्रेरणा और प्रकाश मिलता रहे! उनकी निर्मल स्मृति को विनम्र श्रद्धांजलि।

– आनंद कुमार

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