12 अक्टूबर। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली स्थित जेपी फाउंडेशन ने प्रसिद्ध न्यायविद् श्री प्रशांत भूषण, समाज विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष डॉ जॉर्ज मैथ्यू तथा प्रसिद्ध पत्रकार श्री अजीत अंजुम को अपने अपने क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान 2021’ प्रदान किया।
श्री प्रशांत भूषण के अभिनंदनपत्र में जेपी प्रतिष्ठान ने लिखा है कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय को देश के जनसाधारण के लिए हितकारी बनाने और इसे उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार के खिलाफ एक रणक्षेत्र में बदलने में चार दशकों से जुटे हुए वरिष्ठ न्यायविद श्री प्रशांत भूषण संविधान, स्वराज और स्वस्थ लोकतंत्र के लिए समर्पित सभी देशवासियों के लिए आशा और विश्वास के एक मजबूत स्तंभ हैं। प्रशांत भूषण आज मानव अधिकार रक्षा और साधनहीन नागरिकों को न्याय दिलाने से लेकर सत्ता प्रतिष्ठान को भ्रष्टाचार-मुक्त कराने और देश के जल-जंगल-जमीन बचाने की हर मुहिम के लिए सबसे भरोसेमंद विधि-विशेषज्ञ हैं।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान 2021 स्वीकार करते हुए श्री प्रशांत भूषण ने कहा कि वो इस सम्मान को पाकर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से ऑनलाइन समारोह में शामिल बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, समाज के सरोकारी नागरिकों तथा युवाओं को संबोधित करते हुए श्री प्रशांत भूषण ने देश के समक्ष मौजूद गंभीर राजनैतिक चुनौतियों के विषय में कहा कि आज लोकतंत्र पर प्रहार हो रहा है, भारतीय समाज के ताने-बाने पर आक्रमण हो रहा है और जो लोग सरकार के खिलाफ बोलते हैं उनके विरुद्ध राजद्रोह का झूठा मुकदमा कर दिया जाता है। उन्होंने भीमा कोरेगांव तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम के मामले में गिरफ्तार लोगों का जिक्र किया। मुख्यधारा के मीडिया को उन्होंने संप्रदायवादी फासीवादी सत्तारूढ़ दल का प्रोपगैंडा यंत्र कहा। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा तो आपातकाल के दौर में भी नहीं हुआ था। लेकिन इस प्रहार के खिलाफ जिस तरह सीएए विरोधी आंदोलनकारी और किसान खड़े हैं वो अद्भुत है। अंत में उन्होंने कहा कि वो आशावादी हैं और यह दौर भी जल्द ही खत्म होगा।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान पाने वाले प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ जॉर्ज मैथ्यू के अभिनंदनपत्र में उन्हें गांधी और जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रभावित होकर सत्ता के विकेंद्रिकरण, पंचायती राज तथा सहभागी लोकतंत्र के निर्माण में किए गए उनके महत्त्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की गयी है। इस अवसर पर डॉ जॉर्ज मैथ्यू ने कहा कि कैसे केरल में दूर रहकर भी वे जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रभावित हुए और उन्होंने आगे चलकर अपने शोध को पंचायती राज के क्षेत्र में कार्य में परिणत कर दिया। उन्होंने सबसे पहले 1972 में बंगलौर में जेपी से अपनी मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि जेपी जब भी दिल्ली आते थे तो वे गांधी शांति प्रतिष्ठान में उनसे मिलने जाते थे। उन्होंने माना कि उनके समाज विज्ञान संस्थान की स्थापना जेपी की प्रेरणा का फल है। अपने संबोधन में आगे उन्होंने कहा कि जेपी राजनीतिक दलों को पंचायती राज में भागीदारी से अलग रखना चाहते थे और दलविहीन लोकतंत्र उनका सपना था। अंत में उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत सर्वोदय के लिए काम करे और प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैनर लगे – हमारा सर्वोदय, हमारा सर्वोदय।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान से विभूषित प्रसिद्ध पत्रकार अजीत अंजुम को दिये गये अभिनंदन पत्र में जेपी प्रतिष्ठान ने लिखा है कि पत्रकारिता जगत में अजीत अंजुम एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने हर उस मुकाम और ओहदे को छोड़ना पसंद किया लेकिन उसूलों से समझौता नहीं किया।
प्रतिष्ठान ने उनके योगदान के विषय में लिखा है कि अजीत अंजुम को 2010 में बिहार में आयी बाढ़ से तबाही पर बेहतरीन रिपोर्टिंग करने के लिए रामनाथ गोयनका सम्मान मिला। 2016 में फेम पत्रिका के एक सर्वे ने उन्हें बिहार के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में दर्ज किया था। वर्तमान में ये देश में किसान आंदोलन की बुलंद आवाज बन चुके हैं जो गांव गांव घूम कर किसानों की बात, जनता की बात को अपने यूटयूब चैनल के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में और युवा पत्रकारों के लिए यह प्रतिमान स्थापित किया है कि पत्रकारिता उसूलों के साथ बिना किसी बड़े चैनल का एंकर हुए भी की जा सकती है और जनमत तैयार किया जा सकता है। किसान आंदोलन को आवाज देने के लिए ही जयप्रकाश प्रतिष्ठान द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरी के रूप में अजीत अंजुम को लोकनायक जयप्रकाश सम्मान 2021 प्रदान किया गया ।
इस अवसर पर श्री अजीत अंजुम ने सम्मान स्वीकार करते हुए अपने पत्रकारिता जीवन के अतीत के कड़वे अनुभव सुनाये और कहा कि कैसे वर्तमान दौर स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए आपातकाल से भी खतरनाक दौर है। उन्होंने आगे कहा कि हर पल स्वतंत्र पत्रकारों को यह खतरा रहता है कि कब उनके खिलाफ देश के किसी कोने में झूठा मुकदमा करा दिया जाए। आज के मीडिया के न्यूज रूम के हालात पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की किंतु यह विश्वास भी व्यक्त किया कि ऐसे सम्मान उन जैसे पत्रकारों का हौसला बढ़ाते हैं और निडरता से काम करने की प्रेरणा मिलती है।
जेपी जयंती समारोह में इस वर्ष का लोकनायक जयप्रकाश स्मृति व्याख्यान जेपी के निकट सहयोगी रह चुके गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री कुमार प्रशांत ने दिया। जेपी के विचारों और कार्यों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता और सत्य के बीच हर दौर में द्वंद्व चलता है और तुलना इस बात की नहीं कि कौन दौर कितना मुश्किल रहा है बल्कि तुलना ये कि किस दौर में इन चुनौतियों का मुकाबला कैसे किया गया और आज जरूरत है कि गांधी और जे. पी. के विचारों को मानने वालों को सत्ता और सत्य के इस द्वंद्व में सत्य के साथ एक होकर खड़े रहने की और मुकाबला करने की।
जयंती समारोह के प्रारंभ में जेपी प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री शशि शेखर सिंह ने प्रतिष्ठान के पूर्व में दिये गए सम्मानों तथा पूर्व में दिए गए वार्षिक व्याख्यानों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। समारोह की अध्यक्षता प्रो आनंद कुमार ने की तथा प्रतिष्ठान के सचिव डॉ संत प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
– शशि शेखर सिंह, अध्यक्ष, जेपी प्रतिष्ठान