जय किसान आंदोलन और स्वराज इंडिया यह कहते रहे हैं कि महिलाओं की सशक्त भागीदारी के बिना किसान आंदोलन अधूरा रहेगा। किसान की बात की जाती है तो अमूमन पुरुष किसान की छवि खयाल में आती है जबकि कृषि का कहीं अधिक काम महिलाएं करती हैं। जय किसान आंदोलन जहां अपने सांगठनिक विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है वहीं उसकी यह भी कोशिश है कि संगठन और आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी बढ़े।
इस प्रयास की एक झलक बुधवार को दिखी जब महिला स्वराज की एक टीम गाजीपुर बार्डर पहुंची। टीम में महिला स्वराज की करीब सौ प्रतिनिधि शामिल हैं। इस मौके पर उनके साथ जय किसान आंदोलन के नेता अविक साहा, दीपक लाम्बा और योगेन्द्र यादव भी मौजूद थे।