1 फरवरी। हंसराज कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज कैंपस में “स्वामी दयानन्द गौ संवर्धन एवं अनुसन्धान केंद्र” की स्थापना की है। कॉलेज की प्राचार्या के अनुसार यह “अनुसन्धान केंद्र” न केवल गाय पर शोध को बढ़ावा देगा बल्कि कॉलेज के छात्र-छात्राओं को गाय का शुद्ध दूध और घी भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा है कि अभी “अनुसन्धान केंद्र” की शुरुआत एक गाय से की जा रही है, केंद्र की सफलता को ध्यान में रखते हुए आगे गायों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
ज्ञातव्य हो कि हंसराज कॉलेज के पास अभी महिला हॉस्टल नहीं है और कॉलेज के विद्यार्थी लम्बे समय से महिला हॉस्टल के निर्माण की मॉंग कर रहे हैं। ऐसे में कॉलेज कैंपस में हॉस्टल निर्माण की अनदेखी कर “गौशाला” निर्माण करना छात्र हित में लिया गया फैसला नहीं है। इस छात्र-विरोधी फैसले का विरोध करने के लिए यूथ फॉर स्वराज समेत अन्य छात्र-युवा संगठनों के आह्वान पर एक दिन पहले सैकड़ों की संख्या में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने हंसराज कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने एक स्वर में माँग रखी कि महिला हॉस्टल के निर्माण को जल्द शुरू किया जाए।
प्रदर्शन में शामिल यूथ फॉर स्वराज के साथी व दिल्ली विश्वविद्यालय में एमए के छात्र पुनीत ने कहा, “कॉलेज की प्राचार्या के बयानों से स्पष्ट है कि इस गौशाला का निर्माण महज सत्तारूढ़ दल के नेताओं को खुश करने के लिए किया जा रहा है। ‘अनुसन्धान केंद्र’ की दृष्टि से भी देखा जाए तो भी प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं। हमलोग पहली बार सुन रहे हैं कि केवल एक गाय के साथ अनुसन्धान केंद्र की स्थापना की जा रही है। दूसरी ओर लम्बे समय से महिला हॉस्टल के निर्माण की माँग की जा रही है, इसपर कॉलेज प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है और वो बहाने बनाकर हॉस्टल निर्माण को टालता रहता है। ऐसे में “गौशाला” निर्माण में प्रशासन की उतावली इस बात का द्योतक है कि कॉलेज प्रशासन का ध्यान छात्र-हित पर न होकर रजनीतिक दलों की चापलूसी पर है। यूथ फॉर स्वराज इसका पूरी ताकत से विरोध करता है।”
प्रदर्शन में शामिल यूथ फॉर स्वराज की सदस्या और दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की छात्रा ईशा ने कहा, “दिल्ली से बाहर से आनेवाली लड़कियों के लिए हॉस्टल मिलना बहुत जरूरी होता है। डीयू में पढ़ने वाली हर लड़की पीजी का खर्च नहीं उठा सकती। ऐसे में महिला हॉस्टल निर्माण की अनदेखी करना विश्वविद्यालय में महिलाओं की भागीदारी को हतोत्साहित करना है।”
यूथ फॉर स्वराज के महासचिव अमित कुमार ने कहा कि बिना वैज्ञानिक, बिना लैब, इत्यादि के किसी अनुसन्धान केंद्र की स्थापना की बात करना लोगों के मन में व्याप्त गौरक्षा की भावनाओं का दोहन मात्र है। यूथ फॉर स्वराज भारत की परम्पराओं और भारत की विरासत का सम्मान करता है और सूडो-सांइस का बढ़ावा देकर लोगों की भावनाओं के साथ खेलने को भारत की महान विरासत का अपमान मानता है। साथ ही गौ अनुंसधान की आड़ में महिला हॉस्टल की अनदेखी का पूरी मजबूती से विरोध करता है। यूथ फॉर स्वराज इस मसले पर अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन अभियान जारी रखेगा।