6 मार्च। जी जीरो मीडिया में 26 अगस्त 2021 को, विलिस स्पार्क्स तथा एलेक्स क्लिमेंट लिखते हैं कि “रूस और यूक्रेन के बीच हाल के वर्षों में बहुत सी चीजों को लेकर विवाद और तनाव रहे हैं, लेकिन नवीनतम तनाव, विशेष रूप से, पानी को लेकर है।”
रूस का यूक्रेन के साथ संघर्ष पर अधिक ध्यान, पूर्वी यूक्रेन पर केंद्रित रहा, जहां रूसी समर्थित लोग दो यूक्रेनी प्रांतों को नियंत्रित करते हैं, और जंहा चल रहे गृहयुद्ध के बीच 14,000 लोग मारे गए.लेकिन तनाव का एक कारण उक्रेन का एक प्रान्त – क्रीमिया– भी है, जहां जातीय रूसी जनसंख्या प्रबल हैं, और जिस पर, मार्च2014 के बाद से रूस सीधे शासनकर रहा है, और उसी समय से (अप्रैल 2014 ) यूक्रेन ने उत्तरी क्रीमियन नहर के फाटक बंद कर दिए, जिससे नीपर नदी से क्रिमीआ को मिलने वाली पानी की आपूर्ति रुक गयी। इस तरह क्रीमिया, उत्तरी क्रीमियन नहर केपानी से अवरुद्ध हो गया, और रूस की लीडरशिप इससे खुश नहीं रही।
अधिकांश क्रीमिया शुष्क मैदानों और नमकीन दलदलों वाला,ब्लैक समुद्र में एक प्रायद्वीप है। दशकों से, सोवियत युग की,402.6 किलोमीटर लम्बी, एक नहर (जिसे की नार्थ क्रीमियन कैनाल कहा जाता है और जिसके निर्माण का काम 1961 और 1971 के बीच हुआ) क्रिमीआ के मीठे पानी का 85 प्रतिशत,यूक्रेनी मुख्य भूमि की बहु राष्ट्रीय नदी– नेइप्रो नदी –(रूस से निकल ,बेलारूस और उक्रिन से बहती हुई ब्लैक सागर में मिलने वाली )-सेक्रीमिया प्रायदीप के लिये लाती थी।
क्रीमिया में रूसी शासन के बाद , यूक्रेन ने क्रिमीआ प्रायद्वीप में पानी के प्रवाह को रोकने के लिए इस सोवियत युग की नहर पर कंकरीट का एक बांध, खेरसॉन क्षेत्र में, नहर के 107 वें किलोमीटर पर, क्रिमीआ सीमा के नजदीक बनाने का निर्णय कर, निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
30 जून 2021 को क्रीमिया में यूक्रेन के राष्ट्रपति के स्थायी प्रतिनिधि एंटोन कोरिनेविच ने कहा कि उत्तरी क्रीमियन नहर के 107 वें किलोमीटर पर खेरसॉन क्षेत्र में एक बांध का निर्माण80%पूरा हो गया है, जो कि नेइप्रो नदी के पानी को’ प्रायद्वीप छेत्र से, अस्थायी रूप से बाहर रखने के लिए काफी है।
“107वें किलोमीटर पर प्रमुख बांध 80% तैयार है। यह 20% तक पूरा नहीं हुआ है, क्योंकि कोई उचित बजट वित्त पोषण नहीं है […] अब तक, क्रीमिया में पानी के प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रमुख बांध (80%) पर्याप्त है “कोरिनेविच ने बुधवार (30/06/2021)को कीव में राष्ट्रपति प्रतिनिधि कार्यालय के दो साल के काम के परिणामों पर एक ब्रीफिंग में कहा।“
नतीजतन, क्रीमिया के प्राशासनिक अधिकारियों को पानी केराशन तक के लिए मजबूर होना पड़ा। 2021 की शुरुआत में, विशेष रूप से कठोर सूखे के बाद, मास्को ने, उक्रेन दुआरा बांधबना, नहर को अवरुद्ध करने के अपने फैसले के लिए उक्रेन पर नरसंहार और पारिस्थितिकी नाशक, का आरोप लगाया।
लेकिन, यूक्रेन के नेताओं और अधिकारिओं का मानना रहा कि, जब तक रूस, क्रिमीआ पर शासन करता है, तब तक वहां रहने वाले लोगों की भलाई के लिए कोई जिम्मेदारी उनकी नहीं है, रूस की है। आखिरकार, वे अब रूसी झंडे के नीचे हैं, यूक्रेन के नहीं।
“हमने नहर के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, विशेष रूप से, अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्रीमिया को पानी की आपूर्ति बंद करने—–के लिए, नहर के 107 वें किलोमीटर पर, बांध के निर्माण को पूरा करने की आवश्यकता पर चर्चा की। “क्रीमिया के स्वायत्त गणराज्य में यूक्रेन के राष्ट्रपति के स्थायी प्रतिनिधि कोरिनेविच, ने उत्तरी क्रीमियन नहर विभाग के प्रमुख के साथ हुई एक बैठक के बाद कहा (18.02.2021-.UKRINFORM –ukranian multimedia plateform for broadcasting )
इस सब ने रूस को क्रीमिया के पानी के बुनियादी ढांचे में (स्थानीय नदियों की सार संभाल, नए कुओं की ड्रिलिंग के लिए सब्सिडी, जलाशयों का पुनर्निर्माण, अलवणीकरण संयंत्रों का निर्माण, और अंत में, क्रीमिया को रूस में जलमार्ग से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी जल बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ) करोड़ों डॉलर का निवेश करने के लिए मजबूर किया है ( ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, रूस ने क्रीमिया पर 20 अरब डॉलर खर्च किए हैं, जो कि रूस के पूरे शिक्षा बजट के पूरे दो साल के बराबर है) जो न केवल क्षेत्र के 2.5 मिलियन नागरिक निवासियों की पीने और सिंचाई की जरूरतों के लिए है , बल्कि वहां तैनात रूसी नौसैनिक कर्मियों की बढ़ती संख्या के लिए भी है। 2021 के शुरू के महीनो के सूखे और स्थानीय कुप्रबंधन ने पानी की समस्या को और भी बदतर बना दिया। क्रीमिया को रूस की मुख्य भूमि से जोड़ने वाले केर्च जलडमरूमध्य पर 3.7 बिलियन डॉलर का बना क्रिमीआ पुल,स्थानीय लोगों के लिए प्लास्टिक के कंटेनरों में पानी ले जाने वालेट्रकों के लिए एक रास्ता बन गया। अत: मास्को इस मुद्दे को बहुत ही विशेष मानते हुये , किसी भी तरह, कैनाल खोलने के लिए उत्सुक रहा।
इस तरह क्रीमिया में ‘जल संकट” ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नया मोर्चा खोला और क्रीमिया के 2.4 मिलियन लोगों को ताजे पानी की आपूर्ति करना, इस घोषित युद्ध में, एक फ्लैश पॉइंट माना जा सकता है।
24 फरवरी 2022 को, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के पहले दिन, क्रीमिया में आगे बढ़ते हुए रूसी सैनिकों ने उत्तरी क्रीमियन नहर पर नियंत्रण स्थापित किया। उसी दिन, क्रीमिया गणराज्य के प्रमुख, सर्गेई अक्स्योनोव ने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि वे नीपर नदी से पानी प्राप्त करने के लिए और पानी की आपूर्ति फिर से शुरू करने की तेयारी करें।
26 फरवरी 2022 को, एक विस्फोट के साथ कंक्रीट बांध नष्ट हो गया और पानी की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई। समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टल्स पर, बात कुछ इस तरह लिखी गयी —
मॉस्को, 26 फरवरी (रायटर) – रूसी सैनिकों ने क्रीमिया में पानीआने से रोकने के लिए 2014 में यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में बने एक कंक्रीट बांध को नष्ट कर दिया है, आरआईए समाचार एजेंसी ने शनिवार को रूस के कब्जे वाले क्रीमिया के गवर्नर सर्गेई अक्स्योनोव के हवाले से कहा।
सिम्फ़रोपोल, फ़रवरी 26. /तास/. क्रीमिया गणराज्य के प्रमुख सर्गेई अक्स्योनोव ने कहा कि रूसी सैनिकों ने उत्तरी क्रीमियन नहर को अवरुद्ध करने वाले बांध को नष्ट कर दिया है।
इसी समय, चंद्रजीत मित्रा द्वारा एन डी टी वी वर्ल्ड पर एक पोस्ट अपडेट की गयी ”रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि रूसी सेना ने यूक्रेन में नीपर नदी को रूस से जुड़े क्रीमिया से जोड़ने वाली नहर में जल प्रवाह बहाल कर दिया है”
ये सब समाचार कम शब्दों –पंक्तियों में हैं, लेकिन पानी की दिशा और बहाव ज्यादा में है।
– उपेन्द्र शंकर