10 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में इसी महीने की शुरुआत के पहले कई दिनों से लौह अयस्क की खुदाई को लेकर 23 गाँवों के आदिवासी प्रदर्शन कर रहे थे। बीते एक अप्रैल को अपनी 23 सूत्रीय माँगों को लेकर आदिवासी जिला मुख्यालय पहुँचे जहाँ उन्होंने ने कलक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों की भीड़ उग्र हो गयी। बैरिकेड्स को तोड़कर ग्रामीण कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए। नारेबाजी के बीच ग्रामीणों की पुलिस के साथ झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठियाँ भी बरसायीं। कई ग्रामीणों को चोटें भी आयी हैं। यह घटना छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणुर जिले की है।
दरअसल, नारायणपुर जिले के रावघाट परियोजना क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से खदान को बंद करने की माँग कर रहे हैं। शुक्रवार 1 अप्रैल को रावघाट संघर्ष समिति द्वारा जिला प्रशासन को बारह सूत्री माँगों का ज्ञापन सौंपा जाना था। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के लिए रावघाट संघर्ष समिति के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी नारायणपुर मुख्यालय पहुँची थी, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने अलग-अलग जगह पर बैरीकेड लगाये थे। ग्रामीणों की भीड़ जब बैरिकेड्स तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने लगी तब पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर लाठियाँ बरसायीं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है, रावघाट की पहाड़ी पर उनके देवता राजराव बाब स्थित हैं। इस खुदाई के एवज में वे लोग अपने देवता का सौदा नहीं होने देंगे। उनका ये भी कहना है, पहाड़ी आसपास के 23 गाँवों के लोगों की जरूरतों को पूरा करती है। वो लोग वहाँ से लघु वनोपज के रूप में महुआ, टोरा, आंवला, चिरौंजी का संग्रहण करते हैं। लौह अयस्क की खुदाई होने से वो लोग बेघर हो जाएंगे। वातावरण प्रदूषित होगा और तरह-तरह की बीमारियाँ भी फैलेंगी।
गिरफ्तार ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्रामसभा की अनुमति के रावघाट से लौह अयस्क का उत्खनन शुरू कर दिया गया है। यह हमारा अयस्क है और कंपनी इसकी चोरी कर रही है। उत्खनन को लेकर किसी भी तरह की ग्राम सभा नहीं हुई है। 2 सप्ताह पहले कॉन्ट्रेक्टर देव माइनिंग कंपनी ने ट्रक से लौह अयस्क का परिवहन करना शुरू कर दिया था। जिसे इलाके के ग्रामीणों ने चोरी बताया और ट्रक को खोडगाँव में ही खड़े करवा दिया था। इसके बाद ट्रक से लौह अयस्क को खाली करवाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जब थाने में इस मामले में एफआईआर करवानी चाही तो पुलिस ने दर्ज नहीं की।
रावघाट संघर्ष समिति के सदस्य सोमनाथ उसेंडी ने कहा कि ग्रामीणों की 12 सूत्री माँगें हैं, जिसमें प्रमुख माँग रावघाट खदान को तत्काल बंद करना है। उन्होंने तर्क देते हुए बताया कि इस खदान को बिना ग्रामसभा की अनुमति के चलाया जा रहा है। सोमनाथ ने रावघाट की पहाड़ियों से ग्रामीणों की आस्था जुड़ी होने की बात कहते हुए उसे देवस्थल बताया और किसी भी कीमत में उस क्षेत्र में उत्खनन नहीं होने देने की बात कही है।
संघर्ष समिति से जुड़े युवकों ने कहा कि ज्ञापन देने की जानकारी पहले से जिला प्रशासन को दे दी गयी थी, बावजूद इसके ग्रामीणों पर पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज किया। जो सरासर गलत है। हालांकि नारायणपुर के एएसपी नीरज चंद्राकर ने कहा कि ग्रामीणों को रोकने के लिए बल की तैनाती की गई थी और उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से रोका गया।
(MN News से साभार)