30 अप्रैल। समाजवादी नेता और चिंतक मधु लिमये (1 मई 1922 – 8 जनवरी 1995) की जन्मशती के अवसर पर समाजवादी समागम की ओर से दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित गोष्ठी संपन्न हो गयी। गोष्ठी दोपहर डेढ़ बजे से शाम पांच बजे तक चली। प्रोफेसर राजकुमार जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस गोष्ठी का विषय था – आज के संदर्भ में मधु लिमये।
कार्यक्रम की शुरुआत मधु जी के चित्र पर गोष्ठी में आए लोगों के द्वारा पुष्प अर्पण से हुई। फिर मधु लिमये के बारे में प्रकाशित स्मारिका का प्रोफेसर राजकुमार जैन, कामरेड हरभजन सिंह सिद्धू, रमाशंकर सिंह और श्रीमती मंजू मोहन ने लोकार्पण किया।
गोष्ठी में आज के संदर्भ में मधु लिमये को याद करते हुए लगभग सभी वक्ताओं ने भारत के लोकतंत्र पर रोजाना हो रहे हमलों और देश में फासीवाद के बढ़ते जा रहे खतरे का जिक्र किया। और यह रेखांकित किया कि इस सब का मुकाबला करना ही आज समाजवादियों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। अलबत्ता इस बारे में कोई ठोस रणनीति और कार्यक्रम बनना अभी बाकी है।
इस अवसर पर गोष्ठी के अध्यक्ष प्रोफेसर राजकुमार जैन, रमाशंकर सिंह, हरभजन सिंह सिद्धू, श्रीमती मंजू मोहन, रवि मनचंदा, अरुण कुमार त्रिपाठी, जयशंकर गुप्त, अरुण श्रीवास्तव, प्रो. अशोक सिंह, प्रो. शशि शेखर प्रसाद सिंह, डॉ हरीश खन्ना, अमलेश राजू आदि ने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी का संचालन डॉ अनिल ठाकुर ने किया।
डॉ आनंद कुमार अचानक तबीयत बिगड़ जाने के कारण नहीं आ सके। कोरोना के मद्देनजर सीमित संख्या में ही प्रतिभागियों को बुलाने की शर्त पर आयोजन की अनुमति मिली थी। इस कारण गोष्ठी में अपेक्षित संख्या में उपस्थिति नहीं हो सकी।
आज 1 मई को मधु लिमये जन्मशती पर एक बड़ा आयोजन पटना में हो रहा है।