राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के भारत बंद का दिखा असर

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  • 25 मई। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के द्वारा जाति आधारित जनगणना कराने के साथ ही कई मुद्दों को लेकर आहूत किये गये 25 मई के ‘भारत बंद’ का असर कई राज्यों में देखने को मिला है। यह कई राज्यों में हाईवे जाम करने की वजह से रोड पर वाहनों की लंबी कतार नजर आईं। देश के अधिकांश हिस्सों में दुकानों के शटर पर ताले नजर आए। बाजारों और रोड पर सन्नाटा छाया रहा।

महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, एमपी सहित देश के कई हिसों में भारत बंद का असर देखने को मिला। महाराष्ट्र में पूना, मुंबई, नागपुर, अकोला सहित कई शहरों में भारत बंद का असर रहा। इस दौरान शहरों की दुकानों के शटर पर ताले लटके रहे। वहीं यातायात पर भी इसका असर पड़ा। सड़कों पर वाहनों की गर्दी नहीं देखी गई। बाजारों में सन्नाटा छाया रहा।

गुजरात की बात करें तो इस सूबे में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। गुजरात के कच्छ के अंजार और अहमदाबाद में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। बंद के दौरान मार्केट सुनसान रहा। कई दुकानों के शटर बंद रहे। कई जगह रोड जाम करने से यातायात ठप हुआ और सड़कों पर वाहनों की कतार लगी रही।

MN News की खबर के अनुसार, यूपी के लखनऊ, अंबेडकरनगर, फैजाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, सोनभद्र, अयोध्या, भदोही, सहित कई हिस्सों में भारत बंद का असर रहा। इस दौरान लखनऊ का कटी बगिया चौराहा जाम करने से यातायात ठप्प हुआ। वहीं अंबेडकरनगर में शांतिपूर्ण तरीके से बंद किया गया। भदोही में बाईक रैली निकालकर मोढ़ चौराहा, गडरियापुर मार्केट, ज्ञानपुर मार्केट एंव सरपतहा में रोड जाम किया गया। जिससे यातायात बाधित हुआ।

फैजाबाद में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। इसमें महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। कुल मिलाकर पूरे देश में भारत बंद का असर नजर आया। कई जगह सड़कें जाम की गईं। कई शहरों में दुकाने बंद रहीं। तो सड़कें सुनसान रहीं। सड़कों पर काफी कम संख्या में वाहन नजर आए। दुकानें बंद रहने से बाजारों में सन्नाटा छाया रहा।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अलावा कई संगठनों के कार्यकर्ता भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। मीडिया के हवाले से जानकारी मिली कि भारत बंद आंदोलन के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यकर्ताओं को डीटेन किया गया। नागपुर के इंदोरा चौक में भारत बंद के चलते यातायात जाम हुआ। बाद में आंदोलनकारियों को पुलिस द्वारा डीटेन करने की खबर है। वहीं महाराष्ट्र के परभणी में आंदोलन के दौरान कार्यकताओं को कोतवाली पुलिस थाने में डीटेन करने की खबर है।

भारत बंद के दौरान चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल ना करने, ओबीसी की जाति आधारित जनगणना करने, निजी क्षेत्रों में एससी, एसटी ओबीसी को आरक्षण लागू करने, किसानों के लिए एमएसपी कानून बनाने, सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू न करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, मजदूरों के खिलाफ बनाए गए नए श्रम कानून वापस लेने, मध्य प्रदेश और ओड़िशा में ओबीसी आरक्षण में सेपरेट इलेक्टोरेट लागू करने, पर्यावरण संरक्षण के नाम पर आदिवासियों का विस्थापन रोकने और जबरन वैक्सीनेशन न कराने की माँग की गई।

भारत बंद को बामसेफ के अलावा बहुजन मुक्ति पार्टी, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, लहुजी क्रांति मोचा, आरएमबीकेएस, इंपा, नफ, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, राष्ट्रीय सिख मोर्चा, मोर्य क्रांति संघ, छत्रपति क्रांति सेना, राष्ट्रीय घुमंतु जनजाति मोर्चा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद, राष्ट्रीय बेरोजगार और युवा मोर्चा सहित कई सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला।

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