टिकैत व अन्य किसान नेताओं पर हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित : एसकेएम

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1 जून। संयुक्त किसान मोर्चा ने बेंगलुरु में किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर हुए हमले की निंदा की है। अब तक प्राप्त जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट है, कि यह घटना कल दोपहर बेंगलुरु के गांधी भवन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान हुई, जिसका आयोजन कर्नाटक राज्य रैयत संघ द्वारा किया गया था जोकि संयुक्त किसान मोर्चा से संबद्ध एक किसान संगठन है।

इस प्रेसवार्ता में किसान नेता श्री राकेश टिकैत, श्री युद्धवीर सिंह और सुश्री कविता कुरुगंती पिछले कुछ दिनों में टीवी चैनलों द्वारा किसान आंदोलन के खिलाफ किये गये प्रचार का खंडन कर रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति ने पूर्व नियोजित तरीके से उठकर टीवी चैनल का माइक राकेश टिकैत के चेहरे पर दे मारा और दूसरा व्यक्ति आया और टिकैत पर स्याही फेंक दी। हमलावर ‘जय मोदी’ और ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगा रहे थे।

मुख्य आरोपी भरत शेट्टी की पहचान कर ली गयी है, और वह पुलिस हिरासत में है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष विजयेंद्र, वर्तमान गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और सिंचाई मंत्री गोविंद करजोल के साथ मुख्य आरोपी की तस्वीरों ने अब स्पष्ट कर दिया है, कि हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित था।

संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा की कर्नाटक सरकार पर भी आरोप लगाया है, कि उसने पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन के खिलाफ एक टीवी चैनल के प्रचार अभियान के कारण तनावपूर्ण माहौल के बावजूद कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में इस तथ्य पर प्रकाश डाला है, कि स्याही को तेजाब या बम में बदला जा सकता था, जिसके परिणाम घातक हो सकते थे। अब यह स्पष्ट है, कि हमलावरों को भाजपा और कर्नाटक सरकार की ओर से वह मिली हुई थी।

यह पहली बार नहीं है, जब राकेश टिकैत पर हमला हुआ हो। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा की माँग है, कि इस घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, इस लापरवाही के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए, इस घटना की न्यायिक जाँच के आदेश दिए जाएँ, और राकेश टिकैत को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस घटना ने एक बार फिर बीजेपी का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब कर दिया है। किसानों को बार-बार धोखा देनेवाली और उन पर हमले प्रायोजित करनेवाली इस सरकार को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से किसान सबक सिखाना जानते हैं।

(Gaurilankeshnews.com से साभार)

अनुवाद : अंकित कुमार निगम

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