9 जून। मसलिया प्रखंड के सुग्गापहाड़ी पंचायत में पहाड़ के ऊपर स्थित आमगाछी पहाड़ गाँव में आजादी के 75 वर्षों बाद भी बिजली नहीं पहुँची है। इस गाँव में पाँच से अधिक टोले हैं। पहाड़िया और संताल आदिवासी बहुल इस गाँव में 80 घर हैं। ग्रामीणों के अनुसार, महज दिखावा के लिए दस वर्ष पूर्व ट्रांसफार्मर बैठाया गया। पोल गाड़कर उसमें तार लगाया गया। बिजली कभी चालू नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि आठ वर्ष पूर्व बिजली चालू करने के लिए बिजली मिस्त्री ने ग्रामीणों से 50-50 रुपये प्रति घर घूस की माँग की थी। ग्रामीण रुपये देने में असमर्थ थे, इस वजह से बिजली चालू नहीं हुई।
ग्रामीणों ने इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेवार ठहराया है। चुनाव के समय वोट माँगने आनेवाले नेता बिजली सप्लाई शुरू कराने का आश्वासन देते हैं। चुनाव जीतने के बाद फिर गाँव नहीं आते। ग्रामीणों का कहना है, कि गाँव में बिजली नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। मोबाइल रिचार्ज करने पहाड़ के नीचे दूसरे गाँव जाना पड़ता है। बच्चे सोलर प्लेट से बैटरी चार्ज करते हैं, और रात्रि में इस बैटरी से एलईडी जलाते हैं। बच्चे इसी एलईडी की रोशनी में पढ़ते हैं।
ग्रामीणों ने राज्य सरकार के आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में विधायक बसंत सोरेन को बिजली सप्लाई शुरू कराने के लिए लिखित आवेदन दिया था। 6 महीने बीतने के बाद भी बिजली की सप्लाई नहीं की जा रही है। इसे लेकर ग्रामीणों में सरकार के प्रति नाराजगी है। ग्रामीणों ने सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गाँव के सभी टोलों में नए ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली सप्लाई की माँग की है। बिजली की सप्लाई जल्द नहीं किए जाने पर ग्रामीण सड़क पर उतरकर आंदोलन छेड़ेंगे।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
















