‘अग्निपथ’ के खिलाफ अब किसानों, पूर्व फौजियों, युवाओं की साझा मुहिम

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6 अगस्त। ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ साझा अभियान शुरू करने के लिए देश के किसानों, पूर्व सैनिकों और युवाओं ने हाथ मिला लिया है। यह ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा (सैकड़ों किसान संगठनों का संयुक्त मंच जिसने सफलतापूर्वक तीन किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व किया), यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन (जिसने वन-रैंक वन-पेंशन के लिए 2600 दिनों के निरंतर संघर्ष को पूरा किया है) और विशेष रूप से अग्निपथ योजना और सामान्य रूप से बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विभिन्न युवा संगठनों द्वारा, एक संयुक्त प्रेस वार्ता में किया गया। प्रेस वार्ता में 7 से 14 अगस्त के बीच चयनित स्थानों पर जय जवान जय किसान सम्मेलन आयोजित कर इस अभियान की शुरुआत की घोषणा की गई।

वक्ताओं ने निम्नलिखित आधारों पर अग्निपथ योजना पर अपना विरोध दोहराया –

1. इस योजना ने सशस्त्र बलों में नियमित, स्थायी भर्ती की आजमाई और परखी हुई पद्धति को समाप्त कर दिया है।

2. इससे सशस्त्र बल के आकार में भारी कमी होगी, जो वर्तमान स्वीकृत संख्या 14 लाख से घटकर मात्र 7 लाख रह जाएगी।

3. ऐसे समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बाहरी खतरे बढ़ रहे हैं, विस्तृत नियमित भर्ती को अनुबंधित अग्निवीरों द्वारा बदलने से सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमता और मनोबल पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

4. चल रही भर्ती प्रक्रिया की समाप्ति उन उम्मीदवारों के साथ विश्वासघात है जिन्होंने वर्षों से इसके लिए मेहनत की थी और अपनी कड़ी मेहनत के अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे।

5. यह पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में कमी का सामना कर रहे बेरोजगार युवाओं को गहरा झटका है।

6. यह उन किसान परिवारों के लिए भी एक गंभीर झटका है, जिन्होंने अपने युवाओं को सशस्त्र बलों में भेजकर राष्ट्र के लिए योगदान दिया है।

7. प्रस्तावित ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास भर्ती’ पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिमी यूपी और पूर्वी राजस्थान जैसे क्षेत्रों की हिस्सेदारी को गंभीर रूप से कम कर देगी जिन्होंने पीढ़ियों से सशस्त्र बलों में योगदान दिया है, और रेजिमेंटों के मनोबल को प्रभावित करेगी।

इस अभियान का उद्देश्य जनता को विवादास्पद अग्निपथ योजना के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरूक करना और लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और संवैधानिक साधनों के जरिए केंद्र सरकार को योजना को वापस लेने के लिए मजबूर करना है। यदि कृषि कानून सख्त थे, तो अग्निपथ योजना विनाशकारी है। हमारे किसान और जवान संकट में हैं, हमारे देश की रीढ़ की हड्डी टूटने का खतरा है। हमारी चुप्पी सरकार के लिए राष्ट्र के रक्षकों और अन्नदाताओं को ध्वस्त करने और नष्ट करने का बहाना नहीं हो सकती है। हमने उन्हें एक बार रोका है, हम उन्हें फिर से रोक सकते हैं।

इस अभियान में पहला कदम 7 से 14 अगस्त के बीच जय जवान जय किसान सम्मेलन होगा। कुछ प्रमुख सम्मेलन इस प्रकार हैं।

(1) 7 अगस्त – जाट धर्मशाला, नरवाना (हरियाणा); मनागढ़ी, मथुरा (यूपी); कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
(2) 9 अगस्त – यादव धर्मशाला, रेवाड़ी (हरियाणा); बेतावाड़ा गांव, मुजफ्फरनगर (यूपी)
(3) 10 अगस्त- इंदौर (एमपी), चिदोरी गांव; मेरठ (यूपी)
(4) 11 अगस्त- पटना (बिहार)
(5) 12-13 अगस्त- पंजाब में विभिन्न स्थान
(6) 14 अगस्त- छुर गाँव, मेरठ (यूपी)

अभियान की माँग है कि-

1) अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लिया जाए और इसके तहत जारी सभी अधिसूचनाओं को वापस लिया जाए। नियमित, स्थायी भर्ती की समय-परीक्षित पद्धति जारी रहे।

2) लंबित रिक्तियों (लगभग 1.25 लाख) और इस वर्ष की रिक्तियों (लगभग 60,000) को नियमित और स्थायी भर्ती की पूर्व-मौजूदा पद्धति के तहत तुरंत बाद भरा जाए।

3) पहले से शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को पिछले दो वर्षों के गैर-भर्ती के एवज में 2 वर्ष की आयु-छूट के साथ पूरा किया जाना चाहिए।

4) अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाएं और गिरफ्तार युवकों को तत्काल रिहा किया जाए।

5) रक्षा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं हो; सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र बलों के सम्मान और मनोबल की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।

प्रेस वार्ता को यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमेन की ओर से मेजर जनरल सतबीर सिंह, एसएम (सेवानिवृत्त), ग्रुप कैप्टन वीके गांधी (सेवानिवृत्त), संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से हानान मोल्ला, राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव और युवा संगठनों की ओर से आइशी घोष और मनीष ने संबोधित किया।

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