बेरोजगारी के खिलाफ ‘हल्लाबोल यात्रा’ मुजफ्फरपुर में

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• दरभंगा, सहरसा, सुपौल होते हुए बिहार के अन्य जिलों में जनसंवाद करेंगे अनुपम

• युवाओं ने तय किया है अब ‘आत्महत्या नहीं,आंदोलन होगा’ : प्रशांत कमल

• 23 सितंबर को पटना में बड़े सम्मेलन के साथ होगा यात्रा का समापन

20 अगस्त। देश में भीषण बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से शुरू हुई ‘हल्लाबोल यात्रा’ आज मुजफ्फरपुर पहुंची।

प्रदेशव्यापी यात्रा की शुरुआत 16 अगस्त को भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से सादगी भरे एक कार्यक्रम से हुई थी। ज्ञात हो कि देश में बेरोजगारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक और अध्यक्ष अनुपम की अहम भूमिका रही है। मुजफ्फरपुर पहुंच कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने शहीद खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके शहर में जनसंपर्क करते हुए मार्च किया। उसके बाद खादी ग्राम उद्योग भवन में शहर के बौद्धिकों और समाजसेवियों के साथ बैठक हुई जिसमें राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन की आवश्यकता और कार्ययोजना पर बात हुई।

इसके अलावा अनुपम ने एलएस कॉलेज परिसर में भी पीजी छात्रों के साथ संवाद करके आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया। सभा में उपस्थित छात्रों ने 23 सितंबर को पटना आने और जिले में आंदोलन को आगे बढ़ाने की इच्छा जतायी।

विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में प्रेसवार्ता में अनुपम ने कहा कि बेरोजगारी जीवन मरण का सवाल बन चुका है। युवाओं का सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। अब युवाओं को चाहिए भ-रो-सा यानी ‘भारत रोजगार संहिता’। सरकार देश के सभी रिक्तियों को अविलंब भरे और ‘भर्ती आचार संहिता’ लागू कर 9 महीने में नियुक्ति पूरी करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के युवाओं को हजारों किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव एवं यात्रा प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा कि पहले किसानों के आत्महत्या की खबरें आती थीं। अब भारी संख्या में बेरोजगारी के कारण युवाओं की आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। युवाओं की आत्महत्या देश में राजनीतिक बहस के केंद्र में होनी चाहिए। आज की सबसे बड़ी बहस होनी चाहिए लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारों को कोई परवाह नहीं। ऐसे में युवाओं को एकजुट होकर कहना पड़ेगा कि ‘आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा’।

मुजफ्फरपुर जिले में यात्रा का संयोजन जेपी सेनानी रमेश चंद्र ने किया। उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन की ही तरह बिहार से ही बड़े बदलाव की शुरुआत होगी। अनुपम की अगुवाई में चल रहा युवा आंदोलन देश के लिए उम्मीद की किरण है और हर नागरिक को इसमें सहयोग करना चाहिए।

इस मौके पर गुजरात से आये युवा नेता अर्जुन मिश्रा ने कहा कि वो इस यात्रा में अनुपम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बिहार के सभी जिलों में जाएंगे और देश को बेरोजगारी के अंधकार से निकालने में अपनी हरसंभव भूमिका निभाएंगे।

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