20 सितंबर। नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों की इन तस्वीरों को देखकर हर कोई जश्न में डूबा है। सरकार भी ढोल पीट रही, कि चीतों के आ जाने से कूनो नेशनल पार्क के पास बसे गाँव में रहनेवाले लोगों का जीवन बदल जाएगा। नेशनल पार्क से महज 10 किलोमीटर दूर बसे गाँवों में भयानक गरीबी, गंदगी, बदहाल सड़कें, बुनियादी सुविधाओं की कमी और कुछ गाँवों में कुपोषित बच्चे भी हैं। मीडिया के हवाले से जानकारी मिली, कि गाँव या उसके आसपास कोई भी रोजगार का साधन नहीं है। इसलिए वे सब बाहर मजदूरी के लिए मजबूर हैं। यहाँ रहने वाले स्थानीय निवासी सरकार से रोजगार या काम धंधे की कोई विधि उपलब्ध कराने की माँग कर रहे हैं। स्थानीय निवासी लक्ष्मी बाई ने आजतक के हवाले से बताया, कि नेशनल पार्क के पास बसे इस गाँव के हालात इतने बुरे हैं, कि उन्हें भूखा सोना पड़ता है।
कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश का श्योपुर जिला पहले नंबर पर है। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने विधानसभा में बताया था, कि श्योपुर जिले में 21 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। विदित हो, कि श्योपुर पूरे मध्यप्रदेश में कुपोषण के मामले में पहले नंबर पर है। शायद यही वजह है, कि गाँव के निवासियों को चीतों से ज्यादा बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है। आसपास के इलाके की सड़कें इतनी बदहाल हैं, कि गर्भवती महिलाओं को मोटरसाइकिल या फिर खाट पर लेकर इस सड़क से बाहर निकलना पड़ता है, क्योंकि उन्हें लेने एंबुलेंस यहाँ नहीं आती।
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