27 अक्टूबर। अपनी माँगों को लेकर राज्य के सफाईकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस संकट से हरियाणा में बीजेपी सरकार का तनाव काफी बढ़ गया है। अधिकांश सफाईकर्मी अनुसूचित जाति के हैं। विगत कई वर्षों से नगर निकायों के लिए काम कर रहे लगभग 15,000 लोगों की सेवाओं को नियमित करने की माँग को लेकर पिछले एक हफ्ते से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से राज्य के कई कस्बों और शहरों में कूड़े के ढेर लग गए हैं। हरियाणा नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने मीडिया के हवाले से बताया, कि राज्य में लगभग 25,000 सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन उनमें से केवल 10,000 कर्मचारी नियमित हैं। बाकी कर्मचारियों का नियमितीकरण इनकी मुख्य माँग है।
उन्होंने यह भी कहा, कि राजनीतिक नेता अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए काम करने का दावा करते हैं, लेकिन उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार करते हैं। नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव पुरुषोत्तम दानव ने मीडिया के हवाले से कहा कि हरियाणा सरकार को इसका खमियाजा आने वाले चुनावों में भुगतना होगा, और शुरुआत आदमपुर उपचुनाव से हो जाएगी। वहीं सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं का मानना है, कि सफाई कर्मचारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों की माँगें हमेशा बनी रहेंगी, चाहे कितनी भी माँगें पूरी हों। वहीं पंचायती राज मंत्री देवेंद्र बबली ने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि कच्चे सफाई कर्मचारी पक्का होने का सपना ना देखें।