12 नवम्बर। जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आसपास काटे जा रहे पेड़ों को बचाने के विरोध में पर्यावरण प्रेमी सामने आए हैं। इस मामले को लेकर पीपुल्स प्रॉब्लम प्रिवेंशन फोरम की ओर से मौके पर पहुँचकर विरोध दर्ज कराया गया था। एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीनों को काटा जा रहा है। पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ काटने की कार्रवाई रुकवाकर मामले में आपत्ति दर्ज करायी है। पर्यावरण प्रेमियों ने इसके विरोध में पेड़ों को गले लगाकर चिपको आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। विदित हो, कि जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल नंबर 1 के पास के इलाके में विकास के नाम पर करीब 700 पेड़ काटे जा रहे हैं। ऐसे में इन पेड़ों के मुआवजे के तौर पर दूसरी जगह 4400 पेड़ लगाने की बात कही जा रही है। लेकिन पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले में विरोध दर्ज कराते हुए कहा, कि किसी एक जगह के पर्यावरण को नष्ट करना और दूसरी जगह उसकी भरपाई करना समझदारी नहीं है।
पर्यावरणविदों का कहना है, कि हर जगह का अपना अलग ईको सिस्टम होता है। एयरपोर्ट टर्मिनल नंबर 1 में लगाए गए इन 700 पेड़ों पर हजारों अवाक पक्षी निवास करते हैं। यह कार्रवाई उन पक्षियों के घर को तबाह कर देगी। आसपास के क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को इन पेड़ों की बदौलत ही साफ हवा मिलती है। ऐसे में इस जगह के मुआवजे के तौर पर कहीं और लगाए गए हजारों पेड़ इस जगह हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। यहाँ यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए, कि हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 के पास हवाई अड्डे के कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी में लगभग 40 से 50 वर्ष पुराने इन विशाल पेड़ों में पीपल, नीम, अशोक, गूलर, बबूल सहित कई प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं। यहाँ प्रदर्शन कर रहे पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार लगातार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर हर क्षेत्र में हरियाली और पेड़ों का अपना महत्त्व है। वनों का कम होना राज्य में पहले से ही एक चुनौती है।