14 नवंबर। सयुंक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक सोमवार को गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में हुई जिसमें देशभर के किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। दिल्ली की सरहदों पर किसानों का धरना समाप्त हुए एक साल होने जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा मोर्चे से किए गए ज्यादातर वादे अब भी पूरे नहीं किए गए हैं। इसी बात को केंद्र में रखते हुए किसान मोर्चा के नेतृत्व ने आगे के कार्यक्रमों की घोषणा की है।
पिछले साल 19 नवंबर को प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, इसलिए केंद्रीय किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि इस साल इस दिन को फतह दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 नवंबर 2020 को लाखों किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। संयुक्त मोर्चे ने तय किया है कि इस 26 नवंबर को हर राज्य के राजभवन की तरफ मार्च निकाला जाएगा और राज्यपाल को मांगपत्र दिया जाएगा। इन मांगपत्रों में किसान मोर्चा की केंद्रीय मांगों के साथ-साथ उस राज्यविशेष की स्थानीय मांगें भी होंगी।
11 दिसंबर 2021 को जीत के बाद किसान विजय मार्च करते वापस गांवों को चले गए। इस 11 दिसंबर को मोर्चा का विजय दिवस मनाया जाएगा और 1 दिसंबर से 11 दिसंबर तक लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को मांग पत्र दिए जाएंगे।
किसान मोर्चा की अगली बैठक 8 दिसंबर 2022 को होगी जिसमें आंदोलन के अगले चरण का निर्णय व घोषणा की जाएगी। उस बैठक में “कर्जमाफी – पूरा दाम/ एमएसपी की गारंटी” के लिए संघर्ष की तैयारी की विस्तृत जानकारी जारी की जाएगी।
सोमवार को हुई बैठक बूटा सिंह बुर्जगिल, रमिंदर सिंह पटियाला और जगतार सिंह बाजवा की अध्यक्षता में हुई जिसमें 70 से अधिक नेता मौजूद रहे।