15 नवंबर। अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन की अध्यक्ष सुकालो गोंड को मुख्यमंत्री योगी के सोनभद्र आगमन पर सोनभद्र पुलिस द्वारा अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया है। आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती पर भी भाजपा सरकार ने आदिवासियों पर दमन करने में संकोच नहीं किया। जिसका जीता जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में आदिवासी महिला नेता सुकालो गोंड को सोनभद्र पुलिस द्वारा अवैध तरीके से थाने में निरुद्ध करके रखा जाना है।
15 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सोनभद्र में आदिवासी क्षेत्र बभनी, दुद्धी का दौरा था। इस दौरे पर मुख्यमंत्री द्वारा आदिवासियों को वनाधिकार कानून 2006 के तहत व्यक्तिगत अधिकार पत्र वितरित किये जाने के लिए “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उसी कार्यक्रम में सुकालो गोंड के साथ 22 गांवों के लोग अपने सामुदायिक अधिकार के दावों को मुख्यमंत्री महोदय को पेश करना चाहते थे, जिन दावों पर जिला प्रशासन द्वारा 2018 से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी।
आदिवासियों द्वारा प्रशासन के साथ बैठक करने के बाद भी इन फाइलों का अवलोकन नहीं किया जा रहा है। जिसको लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन व राज्य सरकार को कई बार आवेदन दिये लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। आदिवासी लोग, सुकालो गोंड के नेतृत्व में अपने सामुदायिक अधिकारों की फाइलों को लेकर मुख्यमंत्री जी से मिलना चाहते थे। लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही सुकालो गोंड, जो कि ग्राम मंझौली की ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति तथा अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन की अध्यक्ष भी है, को बभनी थाने में पुलिस द्वारा गैरकानूनी तरीके से निरुद्ध कर लिया गया। उनसे उनका मोबाइल, पर्स और जैकेट भी छीन लिया गया और बिना कारण बताये उन्हें थाने में पूरा दिन बैठाकर रखा गया।
देर शाम आदिवासियों द्वारा काफी दबाव बनाने के बाद सोकलो गोंड को रिहा किया गया।
– रोमा
महासचिव (अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन)