बलिया में प्रदर्शनकारी बिजली ठेका कर्मचारियों के साथ प्रशासन ने की मारपीट

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4 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के बलिया में ठेके पर काम कर रहे बिजली कर्मचारियों ने 2 दिसंबर से अधिशासी अभियंता (विद्युत परीक्षण खंड) कार्यालय के नजदीक उचित वेतन, ईएसआई की माँग और निजीकरण के खिलाफ हड़ताल शुरू की है। शनिवार को जिला प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की और उन्हें धरनास्थल से हटा दिया। इतना ही नहीं, प्रशासन ने उनके टेंट को भी तहस नहस कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संविदा कर्मचारी अपने वेतन और सुरक्षा की गारंटी को लेकर आवाज उठा रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उनसे प्रशासन के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने बात तक नहीं की। उलटा प्रशासन ने आईटीआई के अकुशल कर्मचारियों को बुलाकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का दबाव डाला।

घटनास्थल पर मौजूद एक कर्मचारी का कहना है कि अभी बिजली विभाग में अधिकतर अस्थायी कर्मचारी काम करते हैं। इन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल पाता है। साथ ही सुरक्षा की भी कोई गारंटी नहीं है। कई स्थायी कर्मचारियों को भी फीडर पर काम करना नहीं आता है। संविदा कर्मचारियों से ही अधिकतर काम लिया जाता है। जोखिम भरे बिजली के खंबे पर भी ठेका कर्मचारी ही काम करते हैं। विदित हो, कि बिजली निजीकरण के विरोध में देशभर में कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। इसका समर्थन कई ट्रेड यूनियनों ने भी किया है। पिछले दो दिनों से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति ठप है। इससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। घरों में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। बच्चों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है। बिजली से चलने वाले और चार्ज होने वाले उपकरण पूरी तरह से बंद हो गए हैं।

संविदाकर्मियों की माँग

1) संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन मिले।
2) मृत ठेका कर्मचारी के परिवार को मिलने वाला मुआवजा 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाए।
3) काम के दौरान होने वाली दुर्घटना के मद्देनजर सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके तहत ईएसआई और पीएफ की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
4) प्रत्येक जिले में ईएसआई अस्पताल की सुविधा और जरूरत पड़ने पर निजी अस्पताल में इलाज सुनिश्चित किया जाए।
5) संविदा कर्मचारियों का कार्यकाल 55 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष की उम्र तक किया जाए।
6) संविदा कर्मचारियों को पद और योग्यता के अऩुरूप काम करवाया जाए। साथ ही विभाग के अधिकारी के हस्ताक्षर से पहचान पत्र मुहैया कराया जाए।
7) संविदा कर्मचारियों के बहुआयामी कार्यों को देखते हुए मोबाइल और आवागमन खर्च की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
8) ठेका कर्मचारियों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए।
9) संविदा कर्मचारियों का श्रम विभाग में निर्माण कर्मचारियों के रूप में पंजीकरण किया जाए, ना कि बिजली विभाग के परिचालन और अनुसरण संविदाकर्मी के रूप में पंजीकृत किया जाए।
10) ठेका कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए और 8 घंटे से अधिक काम करने पर अतिरिक्त वेतन दिया जाए।

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