7 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया, जिसमें कथित तौर पर मिश्रा के वाहन से कुचलकर आठ लोगों की मौत हो गई थी। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रथम सुनील कुमार वर्मा ने आशीष मिश्रा और 13 अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या और विभिन्न अपराधों के तहत आरोप तय किए। मामले की सुनवाई 16 दिसंबर से शुरू होगी। सोमवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने मामले में मिश्रा और अन्य आरोपियों की आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज कर दी थी। धारा 147(दंगा), 148(घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 149(सामान्य वस्तु के अभियोजन में किया गया अपराध), 302(हत्या), 307(हत्या का प्रयास), 326(स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुँचाना), 427(खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुँचाना), आईपीसी की 120बी(आपराधिक साजिश) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए हैं। एक अन्य आरोपी वीरेंद्र शुक्ला पर साक्ष्य मिटाने का मुकदमा चलेगा।
विदित है, कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे, जब किसान बहुचर्चित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय जनसभा में शामिल होने जा रहे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के रास्ते को रोक दिया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान आशीष मिश्रा ने अपने चार पहिया वाहन से कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। मिश्रा को 9 अक्टूबर 2021 को एक विशेष जाँच दल(SIT) द्वारा गिरफ्तार किया गया था, और उन्हें कुछ दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने 10 फरवरी को मिश्रा को यह कहते हुए जमानत दे दी थी, कि हो सकता है प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने वाले वाहन के चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन की गति को तेज कर दिया हो। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया और मामले को पुनर्विचार के लिए उच्च न्यायालय को वापस भेज दिया था।
(Gaurilankeshnews.com से साभार)
अनुवाद – अंकित कुमार