28 दिसंबर। बुधवार को मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की एक दिवसीय हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा। ये अपनी पाँच सूत्री माँगों को लेकर हड़ताल पर थे। इस हड़ताल का सभी विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों-अधिकारियों ने भी पूर्ण समर्थन किया। इस दौरान बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में लगभग 25-30 सेवानिवृत्त कर्मचारी-अधिकारी उपस्थित रहे और माँगें पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन की बात कही। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालयी कर्मचारी महासंघ के महासचिव लखन सिंह परमार ने मीडिया के हवाले से बताया, कि ये हड़ताल विश्वविद्यालय प्रशासन एवं मध्यप्रदेश शासन का ध्यान उनकी माँगों की ओर दिलाने के लिए की गई है, और माँगें न मानी जाने पर वे प्रदेश स्तर पर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
प्रमुख माँगें –
# वर्ष 2007 के पश्चात नियुक्त स्थायी कर्मचारियों का विगत 1 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, तत्काल वेतन भुगतान किया जाए।
# विश्वविद्यालयों में रिक्त अशैक्षणिक पदों पर वर्षों से कार्यरत स्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
# फरवरी 2021 में समन्वय समिति से अनुमोदित मेडिक्लेम पॉलिसी तत्काल लागू की जाए।
# विश्वविद्यालयीन पेंशनरों को तत्काल शासन के कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान से पेंशन एवं महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाए।
# श्रमसाध्य भत्ते के संबंध में जारी निर्देशों पर पुनर्विचार किया जाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को विधिवत संपन्न कराने में अनेक विभागों/शाखाओं की महत्त्वपूर्ण सहभागिता होती है जिनके सहयोग के बिना परीक्षा/मूल्यांकन/परीक्षा परिणाम एवं अन्य कार्य संपन्न नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए उक्त निर्देशों पर पुन: विचार कर नवीन निर्देश जारी किए जाएं।