2 जनवरी। महाराष्ट्र स्थित ठाणे का माली समुदाय पहली बार आज ठाणे शहर में ‘सावित्री रैली’ आयोजित करेगा। रैली सुबह 10 बजे ठाणे रेलवे स्टेशन पर बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने से शुरू होगी और ठाणे में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने कोर्ट नाका पर समाप्त होगी। रैली के बारे में बोलते हुए माली समाज संघ के अध्यक्ष नवनीत सिनालकर ने मीडिया के जरिये बताया, कि ‘सावित्री रैली’ के पीछे मुख्य विचार यह है कि सावित्रीबाई फुले, जो महिला शिक्षा की अग्रणी थीं, के विचारों को इस रैली के माध्यम से प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा।
विगत कई वर्षों से दलित समुदाय और कई महिला संगठनों द्वारा आज के दिन को एक महत्त्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाया जाता है। कई संगठन इस दिन को ‘शिक्षा दिवस’ के रूप में भी मनाते हैं। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ राज्य में सभी जातियों, वर्गों और समुदायों की लड़कियों के लिए शिक्षा का बीड़ा उठाया था। 1848 में पुणे के भिडेवाड़ा के स्कूल में एक ऐतिहासिक पहली घटना देखी गई, जब विभिन्न जाति समूहों की लड़कियां पढ़ने के लिए एकसाथ बैठीं। जब फुले दंपति को उनके परिवर्तनकारी कार्यों के लिए बहिष्कृत किया गया, तो पुणे के एक व्यवसायी उस्मान शेख ने उन्हें आश्रय दिया। फातिमा शेख स्कूल में सावित्रीबाई फुले की साथी शिक्षिका थीं।
(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)