13 फरवरी। देश भले ही आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, किंतु आज भी देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है, जो भूखे पेट रात गुजारने को मजबूर है। ऐसे में कुछ ऐसे लोग सामने आ जाते हैं, जो इन जरूरतमंदों के लिए हर कदम पर तैयार रहते हैं। इसी तरह का कार्य उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के एक युवा विक्रम पांडेय ‘इंडियन रोटी बैंक'(आईआरबी) के जरिये कर रहे है। यह पावन कार्य ‘इंडियन रोटी बैंक'(आईआरबी) के रूप में एक आंदोलन का रूप ले चुका है। ‘भूखा न सोए कोई, रोटी बैंक हरदोई’ नारे के साथ शुरू किये गये इस सफर में लोग जुड़ते गए, और उनका कारवाँ बढ़ता गया। देश के करीब 14 राज्यों में चल रही यह मुहिम अब देश की सीमा पार कर नेपाल और नाइजीरिया तक पहुँच चुकी है। करीब 15 युवाओं की टोली हर शनिवार गरीबों को घर की बनी रोटियाँ खिलाने में जुटी है। फिलहाल पूरे देश में इंडियन रोटी बैंक की 100 से अधिक इकाइयाँ काम कर रही हैं।
इंडियन रोटी बैंक ऐसी नेक पहल का नाम है, जिससे हजारों लोगों के पेट भरे जा रहे हैं। इंडियन रोटी बैंक की मुहिम अलग-अलग प्रदेशों में फैले इसके समर्पित सदस्यों की बदौलत निरंतर जारी है। आईआरबी की स्थापना करने वाले विक्रम पांडेय ने ‘भास्कर’ न्यूज के हवाले से बताया, कि मेरा सपना भारत के हर जिले में रोटी बैंक की एक इकाई खोलने का है। उन्होंने आगे बताया कि उनका कान्सेप्ट बिना किसी सरकारी मदद के गरीबों तक रोटी तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि साथियों के साथ मिलकर शहर के वार्डों, मोहल्लों से रोटियाँ इकट्ठा करते हैं। इसके बाद पैकेट में सब्जी, अचार, मिर्च, गुड़ आदि रखकर गरीबों, भिखारियों तथा रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अस्पताल में जरूरतमंदों तक पहुँचाते हैं।