19 जून। विगत 9 वर्षों में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने जितना कर्ज लिया, उसका एक तिहाई कर्ज आजादी के बाद 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर लिया था। बीते 67 साल में कुल 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था, जबकि वहीं मोदी सरकार ने अकेले 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज मात्र 9 साल में ले लिया। 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 155 लाख करोड़ हो गया है।
सांसद नागेश्वर राव के एक सवाल के लिखित जवाब में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार पर 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इस हिसाब से देखा जाए, तो पिछले 9 साल में देश पर कर्ज 181 फीसदी बढ़ा है। वर्ष 2014 में देश पर प्रतिव्यक्ति औसत कर्ज करीब 42 हजार रुपए था, जबकि वहीं 2023 में प्रतिव्यक्ति औसत कर्ज बढ़कर 1 लाख रुपए से ज्यादा हो गया है।
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