सुप्रीम कोर्ट पहुॅंचा सर्व सेवा संघ

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3 जुलाई। कल 3 जुलाई, सोमवार को सर्व सेवा संघ के वाराणसी परिसर में सुबह कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना के साथ हुई। फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र से आए हुए साथियों ने अपनी बातें रखीं; उन्होंने बताया कि गांधी विचार के प्रति सरकार का रवैया निराशाजनक रहा है और यह सरकार गांधीवादी संस्थाओं और व्यक्तियों को परेशान कर रही है। आज की सभा में खिड़कियां घाट के विस्थापित परिवारों ने भी अपनी बातें रखीं।

बनारस के कई हिस्सों से विस्थापित परिवारों ने, जिनकी मेहनत मजदूरी का सिलसिला और घरबार सरकार ने रातों-रात छीन लिया, अपनी बातों को रखा और यह बताया कि पिछले 5 साल में बनारस में हजारों व्यक्तियों का घरबार तोड़ा गया है और लाखों लोगों को बेघर कर दिया गया है। न उन्हें कोई मुआवजा दिया गया है न ही उनकी आवाज सुनी गई है।

sarv seva sangh

कल शाम को बनारस के भूतपूर्व सांसद राजेश मिश्रा सर्व सेवा संघ परिसर में आए और उन्होंने अपना समर्थन दिया; उन्होंने कहा कि सर्व सेवा संघ और गांधी विचार देश की जरूरत हैं तथा गांधी, विनोबा और जयप्रकाश के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने प्रासंगिक आजादी के वक्त थे।

सोमवार को हुई सभा में लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, आशा बहन बोथरा, जागृति राही, नंदलाल मास्टर, अध्यक्ष PS4 छेदीलाल निराला, संजीव सिंह, अनूप श्रमिक, बिहार से विनोद रंजन, प्रदीप प्रियदर्शी, जय किसान आंदोलन के रामजनम, सीपीआई के जयशंकर सिंह, रंजू सिंह, नीति भाई, आलोक सिंह, सत्येंद्र सिंह आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

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मानव श्रृखंला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन की अर्जी स्वीकार कर हमें निचली अदालत में जाने को कहा है। यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है, हमें न्याय मिलने की उम्मीद थी। मंगलवार को हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमें निराश नहीं करेगा और हमें वहां से त्वरित न्याय मिलेगा।

हमारा संकल्प है कि –

1. हम यह जमीन किसी कीमत पर नहीं देंगे। यह हमारी पवित्र विरासत है। इसे किसी मॉल या स्टेशन के लिए नहीं देगें। यह बिकाऊ नहीं है; यह शांति सेना, सर्वोदय साहित्य, कार्यक्रम व युवा प्रशिक्षण का केंद्र है l

2. हम हाईकोर्ट में न्याय के लिए गए थे; हाईकोर्ट ने सुना ही नहीं। अब हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि देश की न्यायपालिका हमें सुनकर न्याय देगी।

3. परिसर के परिवारों के मानसिक उत्पीड़न की जवाबदेही कौन लेगा? 3 दिन में ध्वस्तीकरण का नोटिस देना सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार का उल्लंघन है l

4. गांधी संस्थाओं व खादी केंदों की भूमि हड़पने की नीयत इस सरकार की है। साबरमती हो या वाराणसी (राजघाट), हर जगह इनकी यही नीयत दीख रही है l

5. बनारस, पूर्वांचल समेत देश के तमाम संगठन, संस्थाएँ इस आंदोलन में सर्व सेवा संघ के साथ हैं। जिला प्रशासन ने जिस तरह से किला कोहना, खिड़कियां घाट, राजघाट की बस्ती को उजाड़ा है, हम उन लोगों की आवाज भी यहाँ से उठा रहे हैं। उनके साथ गलत हुआ है। अफसरों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

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मानव शृंखला के बाद रीवा घाट की सीढ़ियों पर बैठे सत्याग्रही

हम इस आंदोलन को देश भर में लेकर जाएंगे। सभी प्रदेशों के सर्वोदय मंडल, गांधी निधि के केंद्र, NAPM औए गांधी पीस फाउंडेशन के केंद्र हमारे साथ हैं। मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र, केरल, बिहार, ओड़िशा, मप्र, राजस्थान आदि के साथी आ रहे हैं। संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही हम माननीय राष्ट्रपति और सांसदों से मिलेंगे।

जारीकर्ता –

प्रो आनंद कुमार
अध्यक्ष, लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान
चंदन पाल
अध्यक्ष, सर्व सेवा संघ
आशा बोथरा
अध्यक्षा, सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान
रामधीरज
कार्यक्रम संयोजक, सर्व सेवा संघ

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