महिला स्वराज ने मणिपुर के भयावह हालात के लिए राज्य और केंद्र, दोनों को जिम्मेवार ठहराया

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22 जुलाई. ‘महिला स्वराज’ ने मणिपुर की चर्चित घटना पर गहरा दुख और क्षोभ प्रकट किया है, जिसमें एक हिंसक भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया, फिर उसी अवस्था में घुमाया, और फिर उन दोनों के साथ गैंगरेप किया गया. महिला स्वराज ने कहा है कि यह भयावह घटना बताती है कि मणिपुर में स्थिति कितनी गंभीर है, जहाँ दो माह से ज्यादा समय से मारकाट चल रही है.

वायरल वीडियो की शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए महिला स्वराज ने कहा है कि यह बहुत दुखद है कि घटना 4 मई को हुई, जबकि एफआईआर 18 मई को दर्ज की गयी. फिर एफआईआर दर्ज होने के बाद दो महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कार्रवाई की जरूरत सरकार ने तभी समझी जब वायरल वीडियो पर उठे व्यापक जनाक्रोश ने उसे इसके लिए मजबूर कर दिया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री का यह कहना कि यह इस तरह की कोई अकेली घटना नहीं है, इस तरह की और भी घटनाएं हुई हैं, यह बताता है कि मणिपुर में हालात कितने चिंताजनक हैं और हमलों तथा यौनहिंसा से औरतों को बचाने के लिए फौरन सख्त कदम उठाना कितना जरूरी है.

मणिपुर में 3 मई से भड़की हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है और 50,000 से ज्यादा लोग बेघरबार हो गए हैं. मणिपुर की सरकार हिंसा रोकने तथा शांति बहाली में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है. वहीं केंद्र की भाजपा सरकार मणिपुर की तरफ से लगातार आंख मूंदे रही और हालात पर परदा डालने का काम करती रही. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी कल तक, मणिपुर को बचाने की गुहार लेकर, मणिपुर से दिल्ली आए प्रतिनिधि मंडलों से मिलने से इनकार करते रहे. दूसरी ओर, विपक्षी नेताओं को मणिपुर जाने से बराबर रोका गया. मणिपुर की सरकार ने तथ्य संकलन के लिए मणिपुर गयी महिला कार्यकर्ताओं की टीम के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की.

महिला स्वराज ने कहा कि मणिपुर सरकार और केन्द्र, हिंसा रोकने के लिए व्यापक रूप से निवारक कदम उठाएं तथा हिंसा और बलात्कार में शामिल लोगों के खिलाफ फौरन कार्रवाई शुरू करें. मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन ने न सिर्फ महिलाओं को भयभीत कर रखा है बल्कि समाज की बुनियाद को भी कमजोर किया है.

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