10 अगस्त। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने समाचार वेब पोर्टल न्यूजक्लिक और उसके संस्थापकों के खिलाफ चल रहे लक्षित अभियान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। पीसीआई ने कहा कि कुछ संसद सदस्यों सहित कई वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों ने आरोप लगाया है कि पोर्टल पड़ोसी देश के लिए मुखपत्र के रूप में कार्य करता है। यह आरोप निराधार और जो निंदनीय है। न्यूजक्लिक, देशद्रोही या किसी विदेशी राष्ट्र का साधन न होकर किसी भी अन्य जनपक्षधर मीडिया संस्थान की भाँति सरकारी कार्यों को आलोचनात्मक ढंग से जनता के सामने लाता है।
यह न्यूज पोर्टल निष्ठावान व्यक्तियों के सार्थक योगदान को दर्शाता है। पीसीआई ने आगे कहा, कि जो लेख अन्य देशों की नीतियों पर आलोचनात्मक लेकिन सराहनीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, उन्हें उनकी ओर से वकालत करने की भूल नहीं की जानी चाहिए, न ही उन्हें राष्ट्र-विरोधी या देशद्रोही करार दिया जाना चाहिए।
यदि न्यूजक्लिक के लिए धन के स्रोत जाँच के दायरे में हैं, तो वही पारदर्शिता सत्ता के साथ जुड़े विभिन्न अन्य पोर्टलों के संपादकों और समर्थकों तक भी बढ़नी चाहिए। पूर्ण पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि ऐसे सभी पोर्टलों के प्रायोजकों और फंडिंग स्रोतों का खुलासा किया जाए। इस तरह के खुलासे के बिना न्यूजक्लिक को निशाना बनाने वाली हालिया कार्रवाई को सही मायने में नीतिगत आलोचना करने वालों को परेशान करने वाली कार्रवाई के रूप में देखा जा सकता है।
मीडिया संगठन भारतीय कानून के दायरे में काम करते हैं, और सरकारी एजेंसियों के लिए भी इन मानकों का पालन करना उतना ही महत्वपूर्ण है। एक संपन्न लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि मीडिया संस्थानों को सरकार या कॉर्पोरेट दबावों के बिना काम करने की स्वतंत्रता हो। लोकतंत्र की जीवंतता स्वतंत्र मीडिया से अटूट रूप से जुड़ी हुई है।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.