पश्चिमी चंपारण के गांधी आश्रम से शुरू हुई प्रदेशव्यापी ‘हल्लाबोल यात्रा’

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16 अगस्त। देश में भीषण बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में मंगलवार को चम्पारण से ‘हल्लाबोल यात्रा’ की शुरुआत हुई। प्रदेशव्यापी यात्रा की शुरुआत भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से एक सादगीपूर्ण कार्यक्रम से हुई। इस अवसर पर ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए प्रार्थना की। यात्रा को हरी झंडी देने से पहले आयोजित सभा में उपस्थित लोगों ने “आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा” के नारे लगाए।

इस मौके पर ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चम्पारण का विशेष महत्त्व है जहाँ गांधीजी ने पहला बड़ा आंदोलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया था। गांधीजी द्वारा दिये गए सत्य अहिंसा न्याय के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर देश में अब युवा आंदोलन खड़ा हो रहा है।”

युवा नेता हिमांशु तिवारी ने कहा कि बिहार ने पूरे विश्व को अहिंसक आंदोलन करना सिखाया है अब इसी धरती से युवाओं का बेरोजगारी के खिलाफ हल्ला बोल होगा।

गांधी आश्रम पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अनुपम ने स्थानीय नागरिकों और युवाओं का भारी संख्या में स्वागत करने के लिए तहेदिल से शुक्रिया अदा किया। हल्लाबोल यात्रा का उद्देश्य बताते हुए अनुपम ने कहा, “बेरोजगारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। बेरोजगार युवाओं में आत्महत्या की खबरें अब आम बात हो गयी हैं। ऐसे वक्त में जब देश का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है तो संकट का समाधान निकालने की बजाय समाज में जाति धर्म के नाम पर नफरत की राजनीति हो रही है। इन्हीं विकृतियों से लड़ने और देश को सही दिशा में ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर एक सकारात्मक आंदोलन की आवश्यकता है। बदलाव के इस आंदोलन में सबसे अहम भूमिका युवाओं की ही होगी।”

भितिहरवा में सभा को सम्बोधित करते हुए जेपी आंदोलन के सेनानी दिनेश सिंह ने कहा कि यह यात्रा देश को नया नेतृत्व देनेवाले निडर युवाओं को तलाशने और तराशने का भी काम करेगी। देश एक बड़े युवा आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है जिसमें बिहार की सबसे अहम भूमिका होगी।

भितिहरवा स्थित बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य दीपेंद्र वाजपेयी ने सभा का संचालन किया और कई स्थानीय नागरिकों को संबोधित कर अनुपम को उनकी मुहिम के लिए शुभकामनाएं दीं।

गांधीजी को 1917 में चम्पारण लानेवाले राजकुमार शुक्ल के पौत्र चंदन चौहान ने भी यात्रा को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बागियों और बैरागियों की यह भूमि एक बार फिर देश को नयी दिशा दिखानेवाली है।

इस मौके पर युवा आंदोलन के केंद्रीय नेतृत्व से अर्जुन मिश्रा भी गुजरात से चलकर चंपारण आए। उन्होंने कहा कि वो इस यात्रा में पूरा समय अनुपम के साथ चलेंगे और देश को बेरोजगारी के अंधकार से निकालने में अपनी हरसंभव भूमिका निभाएंगे।

युवा नेता अनुपम ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया, “बेरोजगारी आज इतिहास के चरम स्तर पर है। आत्महत्या आम बात हो गयी है। बेरोजगारी जीवन मरण का सवाल बन चुकी है। पढ़ेलिखे लोग भी एक अदद नौकरी के लिए दर दर भटकने को अभिशप्त हैं। युवाओं का भविष्य अंधकार में है। मतलब देश का भविष्य अंधकार में है। असंतोष इतना गहरा है कि आक्रोश का रूप ले चुका है। ज्वालामुखी कभी भी फूट सकता है, जिसका केंद्र बिहार होगा। हमारी कोशिश है कि यह ऊर्जा एक सकारात्मक रूप लेकर देश को समाधान की दिशा में ले जाए।”

गांधी आश्रम पर हुए कार्यक्रम के बाद यात्रा का अगला पड़ाव नरकटियागंज रहा। यहाँ बाजार के मुख्य चौक पर अनुपम और उनकी टीम ने भगतसिंह की प्रतिमा को माल्यार्पण करके सभा को संबोधित किया। यात्रा के पहले दिन युवाओं में खासा जोश दिखा और रोजगार के सवाल पर बढ़ चढ़कर भागीदारी की गयी। कार्यक्रम में छात्र युवाओं के अलावा शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और कई सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

गांधी आश्रम से शुभारंभ करने के बाद ‘हल्लाबोल यात्रा’ नरकटियागंज और लौरिया में जनसभा करते हुए रात्रि विश्राम के लिए बेतिया पहुँची। अगले दिन पूर्वी चंपारण में जनसंवाद करते हुए सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिले में प्रवेश होगा।बिहार प्रभारी प्रशांत कमल ने कहा, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चम्पारण का विशेष महत्त्व है जहाँ गाँधीजी ने पहला बड़ा आंदोलन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया था। गाँधीजी द्वारा दिये गए सत्य अहिंसा न्याय के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर देश में अब युवा आंदोलन खड़ा हो रहा है।

युवा हल्लाबोल यात्रा के दौरान जनसंवाद से एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। 23 सितंबर को पटना में एक बड़े सम्मेलन के साथ यात्रा का समापन होगा।

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