गांधीमार्गी संस्थानों पर हमले व प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ गोलमुरी में हुई प्रतिवाद गोष्ठी

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# लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने वाली ताकतों को 2024 के चुनाव में परास्त करने का लिया संकल्प

10 सितंबर। जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी और जिला सर्वोदय मंडल के तत्वावधान में जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित भोजपुरी भवन (सिंहभूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद्) में वैचारिक संस्थानों पर हमले और प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ प्रतिवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में देश में लोकतांत्रिक ढांचे पर पिछले एक दशक में हो रहे हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके प्रतिवाद के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया।

जिला सर्वोदय मण्डल अध्यक्ष सुखचन्द्र झा, जसवा के प्रांतीय अध्यक्ष भाषाण मानमी की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित इस प्रतिवाद गोष्ठी में मुख्य रूप से मंथन, राजश्री, सियाशरण शर्मा, जगत, अम्बिका प्रसाद यादव, रवि कुमार, उमापद, सारियान काडूआर, विनय जी, उषा सबीना देवगम, दिनेश यादव, देवाशीष मुखर्जी, विकास कुमार, अंकुर, शाश्वत आदि उपस्थित रहे।

प्रतिवाद गोष्ठी में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनारस स्थित सर्व सेवा संघ परिसर पर जबरन कब्जा व भवनों के ध्वस्तीकरण के बारे में सुखचंद्र झा ने विस्तार से बताया और फसीवादी ताकतों को आगामी लोकसभा चुनाव में परास्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।

वक्ताओं ने पूरे देश में आरएसएस व भाजपा को 2024 के चुनाव में खारिज करने के लिए जनमानस को प्रेरित करने की ठोस नीति बनाकर पूरे दमखम से आगे बढ़ने की जरूरत जताई।

ईचागढ़ क्षेत्र के विस्थापित साथी अम्बिका प्रसाद यादव ने
कहा कि आज देश में सिर्फ एक ही व्यक्ति दिख रहा है या उसे दिखाया जा रहा है और वह है नरेंद्र मोदी। बीजेपी आईटी सेल ने जो झूठा आभामण्डल तैयार किया है, उसमें बुरी तरह फंस कर रह गई है देश की भोलीभाली जनता। इस सरकार का सिर्फ एक ही काम है धर्म और जाति के नाम पर लड़ाना और सत्ता पर बने रहना। ऐसी ताकतों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़नी है, अन्यथा आम जनता पर फिलहाल महंगाई की बड़ी मार पड़ रही है, आगे जीना दूभर हो जाएगा।

जसवा के वरिष्ठ साथी मंथन ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है। एक तरफ पूंजीवाद और दूसरी तरफ समता और न्याय के पक्षधर लोगों के बीच की लड़ाई है। यद्यपि दौर कठिन है, लेकिन इससे भी उबर सकते हैं लोग।

गोष्ठी का संचालन करते हुए दिलीप वाहिनी ने कहा कि अब आपस में लड़ने का समय नहीं है बल्कि सीधी लड़ाई का समय है। और वह लड़ाई है आरएसएस व भाजपा के खिलाफ।
सियाशरण शर्मा ने कहा कि गांधी, विनोबा, जेपी की विरासत को जमींदोज कर भाजपा ने यह जाहिर कर दिया है कि अब देश के अन्य स्थानों पर स्थित ऐसे संस्थानों का भी वजूद खतरे में है।

गोष्ठी में एक स्वर से संघ पोषित दक्षिणपंथी शक्तियों को आगामी चुनावों में हर हाल में शिकस्त देने के लिए सघन अभियान चलाने का आह्वान किया गया।

प्रतिवाद गोष्ठी में उक्त साथियों के अलावा कवि अरविंद विद्रोही, रवीन्द्र प्रसाद, अशोक शुभदर्शी, रमण, विक्रम झा, रमेश जी, विश्वनाथ, अंकुर, अमर सेंगेल आदि ने मुख्य रूप से अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन दिलीप वाहिनी ने किया।

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