लद्दाखी जनता के पर्यावरण और लोकतंत्र बचाने के आंदोलन के समर्थन

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save leh Ladakh

लद्दाखी जनता के पर्यावरण और लोकतंत्र बचाने के आंदोलन के समर्थन में 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन लाक्षणिक अनशन

कल, 30 सितंबर के रोज, लद्दाख से निकल कर करीबन 200 लोग, जो सोनम वांगचुक जी के सामूहिक नेतृत्व में 900 किलोमीटर चलकर पंजाब और हरियाणा के रास्ते दिल्ली पहुंच रहे थे…. उन्हे दिल्ली पुलिस ने देर रात दिल्ली बॉर्डर से गिरफ्तार करके अलग अलग पुलिस स्टेशन में रखा है।

गांधीजी के शांतिपूर्ण मार्गो से अपना आंदोलन चलाने वाले लद्दाख के शांतताप्रिय नागरिक जब लद्दाख में अपनी बात रख रहे थे तब भी केंद्र सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की। तब लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा से होकर दिल्ली की दरवाजे पर दस्तक देने जब पैदल चलते हुए सैंकड़ों लोग आए तब दिल्ली पुलिस ने बड़ी ही निर्दयता के साथ उनसे व्यवहार किया। गांधी जयंती के अवसर पर जो लद्दाखी नागरिक दिल्ली में अपनी बात रखने वाले थे उन्हें इस तरह से पुलिसो ने सलाखों के पीछे बंद किया है।
हम इसका निषेध करते हैं और लद्दाख के आंदोलन के समर्थन में कल, 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन सुबह 8:00 से रात 8:00 तक आचार्य नरेंद्र देव गुलाब वाटिका, गाँधी निधि स्मारक के साथ, राजघाट के पास, रिंग रोड़,  नई दिल्ली-110002, यहां अनशन करेंगे।

दिल्ली के समर्थकों से आवाहन है कि वह इस अनशन में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे।

देश के सभी संविधान प्रेमी, लोकतंत्र प्रेमी नागरिकोंसे हमारा आवाहन है कि वे कल अपने अपने स्थान पर एक दिन का अनशन रखते हुए इस आंदोलन का समर्थन और केंद्र सरकार के अलोकतांत्रिक व्यवहार का विरोध जताए।

प्रफुल्ल सामंतरा
सौम्या दत्ता,
सुनीति एस आर,
आदर्श,
मेधा पाटकर और साथी
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय

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