इंदौर। खरगोन जिले के संत्राटी गांव स्थित आगरा मुंबई राजमार्ग पर सैंचुरी यार्न और सेंचुरी डेनिम कारखाने को अवैधानिक तरीके से बेच कर सैंचुरी प्रबंधन और खरीददार मंजीत कॉटन तथा मनजीत ग्लोबल ने जहां सरकार को करोड़ों की स्टांप ड्यूटी का चूना लगाया है, वहीं नियम-कायदों के विपरीत मिल बेची है। जाहिर है, मजदूरों के साथ तो धोखाधड़ी हुई ही है, दोनों ने मिलकर सरकार को भी अंधेरे में रखा है। नियम 25ओ के तहत राज्य सरकार से अनुमति लेने के बजाय मिल को अवैधानिक तरीके से 25f 25 एफएफ के तहत बेचा है जबकि बंद मिल को इस नियम के तहत बेचा ही नहीं जा सकता।
पिछले 4 साल से श्रमिक जनता संघ के नेतृत्व में सैंचुरी के एक हजार से ज्यादा मजदूर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और मिल को चलाकर मजदूरों को काम देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सैंचुरी ने सेंधवा के उद्योगपति मनजीत कॉटन से अवैधानिक तरीके से मिल की बिक्री करने का सौदा कर लिया और 426 करोड़ की मिल को केवल 62 करोड़ में बिक्री करना दर्शाया। नियमानुसार मिल और उसकी पूरी भूमि औद्योगिक उपयोग की भूमि है लेकिन बिक्री में उसे कृषिभूमि बताया गया है!
जिला प्रशासन ने भी बगैर मौका मुआयना किये और संदर्भित जमीन के कागजात देखे रजिस्ट्री कर दी। जबकि बाजार मूल्य और संपत्ति की गाइडलाइन के हिसाब से स्टांप ड्यूटी ली जाना थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। श्रमिक जनता संघ ने खरगोन कलेक्टर को भी इस संबंध में शिकायत की है तथा हाईकोर्ट और अन्य न्यायालयों में भी याचिका दायर कर इस फर्जी सौदे के खिलाफ गुहार लगायी है।
गौरतलब है कि श्रमिक जनता संघ पिछले 46 महीनों से बंद मिल को चालू करने और श्रमिकों को रोजगार देने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मजदूरों के पक्ष में फैसला दिया है। बावजूद इसके राज्य शासन चुप्पी साधे हुए है और नियमों की अवहेलना और उल्लंघन के खिलाफ आंखें मूंदे हुए है।
श्रमिक जनता संघ की अध्यक्ष मेधा पाटकर सहित सभी श्रमिक नेताओं ने कहा है कि इस तरह से मजदूरों का हक तो छीना जा ही रहा है, राज्य शासन को भी स्टांप चोरी कर करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। उद्योगपतियों से कुछ अधिकारी मिले हुए हैं जिसके चलते मजदूरों को न रोजगार मिल रहा है न उत्पादन हो रहा है। शांतिपूर्ण आंदोलन को दमन के जरिए कुचला जा रहा है। मिल के परिसर में मजदूरों की कॉलोनी में जो मजदूर परिवार रहते है उनको भी तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। श्रमिक जनता संघ ने फिर कहा है कि हम सड़क पर भी और अदालतों में भी इस अवैधानिक सौदे के खिलाफ और मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे ।
– रामस्वरूप मंत्री
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