21 मार्च। नीति आयोग ने अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआइ) रिपोर्ट में कहा है कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे निर्धन राज्यों में शामिल हैं। सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत आबादी गरीब है। इसके बाद झारखंड का नंबर है। वहाँ की 42.16 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करती है। उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन हैं। मध्य प्रदेश में 36.65 प्रतिशत और मेघालय में 32.67 प्रतिशत लोग गरीब हैं। देश के जिन राज्यों में सबसे कम गरीबी है, उनमें केरल (0.71 प्रतिशत) शीर्ष पर है। इसके बाद गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) का स्थान है।
नीति आयोग ने अपनी एमपीआइ गरीब राज्यों को रेखांकित किया गया है। केंद्र शासित प्रदेशों में दादर और नगर हवेली में सबसे ज्यादा गरीबी है।जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 12.58 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं। बिहार में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। इसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का नंबर है। मातृत्व स्वास्थ्य से वंचित आबादी, स्कूल नहीं जाने, रसोई ईधन और बिजली से वंचित लोगों के मामले में भी बिहार की स्थिति सबसे खराब है। बाल और किशोर मृत्यु दर श्रेणी में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब है। बाल और किशोर मृत्युदर में उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे खराब है।