25 मार्च। सद्भावना समाज (सोसायटी फॉर कम्युनल हार्मनी) ने ‘समता मार्ग’ के साथ मिलकर 23 मार्च को एक काव्य संध्या का आयोजन किया। शाम साढ़े सात बजे से यह कार्यक्रम लगभग एक घंटा चला।
प्रख्यात जनकवि बल्ली सिंह चीमा की अध्यक्षता में हुई इस काव्यगोष्ठी में उनके अलावा सुभाष राय, मेधा, केशव शरण और राजेन्द्र राजन ने कविताएं सुनायीं।
काव्यगोष्ठी से पहले भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद करते हुए एक गीत सद्भावना समाज के रणधीर गौतम की युवा टोली ने प्रस्तुत किया। रणधीर गौतम ने 23 मार्च के शहीदों को पूरे आयोजन की तरफ से नमन करते हुए समाजवादी नेता और चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया को भी याद किया जिनकी इसी दिन जयंती थी। गोष्ठी के अध्यक्ष बल्ली सिंह चीमा ने कविता सुनाने से पहले बताया कि आज क्रांतिकारी कवि पाश की शहादत का दिन भी है। एक और संयोग यह जुड़ गया कि 23 मार्च को काव्यगोष्ठी के सह-आयोजक समता मार्ग वेब पोर्टल का एक साल पूरा हुआ।
इससे पहले सद्भावना समाज की पहल पर पहली काव्यगोष्ठी 26 जनवरी को मूर्धन्य कवि-आलोचक अशोक वाजपेयी की अध्यक्षता में हुई थी। तब कार्यक्रम का बाकायदा नाम दिया गया था- सांप्रदायिक नफरत के विरुद्ध कविता। इस बार काव्यगोष्ठी को वैसा कोई नाम नहीं दिया गया था फिर भी काफी सारी कविताएं सांप्रदायिक नफरत और हिंसा तथा देश में बेहद सुनियोजित तरीके से बनाए जा रहे खौफनाक माहौल के खिलाफ सुनायी गयीं। यह इस बात की एक झलक है कि संवेदनशील लोगों के मन में क्या चल रहा है।
काव्यगोष्ठी का संचालन राजेन्द्र राजन ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर शशि शेखर प्रसाद सिंह ने किया।