श्रमिक हड़ताल का पहला दिन, देश भर में दिखा असर

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28 मार्च। कर्मचारियों,किसानों और आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालने वाली सरकार की ग़लत नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल आज से शुरू हो गई। देश बचाने के लिए हम हड़ताल पर हैं (#WeStrikeForNation) और बैंक बचाओ देश बचाओ (#BankBachao_DeshBachao) जैसे नारों और हैशटैग के साथ कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, बैंक और बीमा क्षेत्रों सहित सैकड़ों सार्वजनिक क्षेत्रों के कामगारों ने सोमवार से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू की। आज हड़ताल का पहला दिन था। कर्मचारी सरकार द्वारा श्रम सुधारों और निजीकरण की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा मनरेगा के लिए बजट आवंटन बढ़ाने और संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की भी मांग कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यह हड़ताल 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच की अपील पर शुरू हुई है। इस संयुक्त मंच में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), ऑल-इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), अखिल भारतीय यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर शामिल हैं। जबकि ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन कमेटी, सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन्स एसोसिएशन, ऑल-इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने कहा कि उसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिक समूहों से भी समर्थन मिला है, जिसमें निर्माण और घरेलू कार्य क्षेत्र भी शामिल हैं।

दी प्लेटफॉर्म ऑफ सेंट्रल ट्रेड यूनियंस और सेक्टोरल फेडरेशंस एंड एसोसिएशंस के बयान के मुताबिक दो दिवसीय हड़ताल में जरूरी सेवाओं के कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं। बयान में दावा किया गया है कि रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवाओं के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया है। बैंकिंग और इंश्योरेंस समेत फाइनेंशियल सेक्टर भी इसमें शामिल हैं। इस हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा और कई छात्र संगठनों ने भी समर्थन दिया है।

– सुशील मानव

(जनचौक से साभार)

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