14 अप्रैल। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (LOC) को वापस लेने का आदेश दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने सीबीआई से मामले के संबंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
पटेल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जब उन्हें बेंगलुरु हवाई अड्डे पर अमरीका के लिए एक फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया था, जहाँ उन्हें व्याख्यान देने के लिए जाना था।
पटेल की याचिका के अनुसार उन्हें ब्रिटिश एयरवेज की एक फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया था, जो बुधवार सुबह करीब छह बजकर पचास मिनट पर रवाना होनी थी। उन्हें सीबीआई, विशेष रूप से जाँच अधिकारी द्वारा उनके खिलाफ एलओसी जारी किए जाने के बारे में बताया गया था। पटेल की याचिका में कहा गया है, “आवेदक को अपने टिकटों और अपने तत्काल कार्यक्रम के साथ-साथ जाँच अधिकारियों की मनमानी और पूर्ण अवैध कार्यों के कारण नुकसान उठाना पड़ा।” इससे पहले आज सीबीआई ने अदालत को सूचित किया था, कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एलओसी इसलिए जारी किया गया था, क्योंकि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति था और उसके अभियोजन से भागने की आशंका थी।
मामला एमनेस्टी यूके के वाणिज्यिक तरीकों के माध्यम से ‘विदेशी योगदान विनियमन’ नियमों (FCRA Acts) की चोरी से संबंधित है, गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना अपनी भारतीय संस्थाओं को ₹10 करोड़ और बाद में ₹26 करोड़ भेजे। केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोर्ट को यह भी बताया, कि एलओसी खोलने का अनुरोध गृह मंत्रालय को 31 दिसंबर को भेजा गया था।
पटेल की याचिका पर सीबीआई ने कहा, कि वह संस्था में प्रमुख व्यक्ति थे, जो मेसर्स एमनेस्टी यूके के साथ बातचीत कर रहे थे, और संस्था के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देख रहे थे। आरोपी के प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते, जो भारत के बाहर अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, अभियोजन से बचने के लिए उसके देश छोड़ने की आशंका थी। इसलिए सीबीआई ने यह निर्णय लिया कि आरोपी आकार पटेल के खिलाफ कानून की प्रक्रिया से बचने और उन्हें भारत छोड़ने से रोकने के लिए तथा उनके द्वारा किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए एक लुकआउट सर्कुलर खोला जाए। हालांकि कोर्ट ने सोचा कि अगर याचिकाकर्ता के भाग जाने का जोखिम होता, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता था या सीबीआई जाँच के दौरान जमानत ले सकती थी।
मजिस्ट्रेट ने गुरुवार सुबह सुनवाई के दौरान कहा, मैं एलओसी के लिए विस्तृत कारण जानना चाहता हूँ। हालांकि सीबीआई ने जवाब में टिप्पणी की, हमें विस्तृत कारण बताने की जरूरत नहीं है। एक प्रोफॉर्मा है, जो हम देते हैं। पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर ने इस तर्क का विरोध किया।
उन्होंने कहा, कि जाँच अधिकारी ने दो गंभीर त्रुटियाँ कीं। उन्होंने मंजूरी के बिना चार्जशीट दायर की और स्वयं के सीबीआई मैनुअल का भी उल्लंघन किया। मीर ने तर्क दिया कि लोगों के विदेश यात्रा के अधिकार से संबंधित उच्च न्यायालयों की कई नजीर हैं, और सीबीआई की कार्रवाई द्वारा उनका उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, और पटेल को अब जाँच की जरूरत नहीं है।
(Gaurilankeshnews.com से साभार)
अनुवाद : अंकित कुमार निगम