औरंगाबाद में रामनवमी जुलूस ने दिखाया मस्जिद के प्रति सम्मान

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14 अप्रैल। रामनवमी के जुलूसों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की खबरों के बीच, औरंगाबाद का यह जुलूस पास की एक मस्जिद से गुजरते हुए संगीत बंद करने का विकल्प चुनकर दिल जीत रहा है।

संगीत किसी भी धार्मिक आयोजन का पसंदीदा हिस्सा होता है। ऐसे में शहर के रामनवमी जुलूस में लाइट के साथ डीजे का इंतजाम किया गया था। भीड़ तब तक संगीत पर नाचती रही जब तक शोभायात्रा एक स्थानीय मस्जिद तक नहीं पहुँच गयी।

अब वायरल हो रहे एक वीडियो में, जुलूस के मेजबान को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “दो मिनट के लिए डीजे बंद होगा। मस्जिद से गुजरने के बाद, हम संगीत फिर से शुरू करेंगे। सभी धर्मों को सहअस्तित्व बनाने के लिए हम सभी को एकसाथ रहने की जरूरत है।”

इस घटना का एक वीडियो ट्विटर पर इस तरह के कैप्शन के साथ साझा किया गया था, “यही कारण है, कि #Maharashtra विशेष है। यह मेरा गृहनगर औरंगाबाद है। जहाँ रामनवमी मनानेवाले इस समूह ने घोषणा की कि जब हम मस्जिद पार करेंगे तो डीजे बंद हो जाएगा।”

यात्रा का निर्णय ऐसे समय में आया है जब मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोवा, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, बिहार और गुजरात के कई स्थानों पर रविवार को सांप्रदायिक हिंसा की सूचना मिली। कई जगहों पर मस्जिद के द्वारों पर जोरदार संगीत बजाने या भगवा झंडे लहराने के लिए जुलूस जानबूझकर स्थानीय मस्जिदों के बाहर रोके गए। जबकि औरंगाबाद में जुलूस के आयोजकों का निर्णय धर्मनिरपेक्षता के संदेश के साथ औरंगाबाद की बहुल संस्कृति पर जोर देता है। जो सभी धर्मों के लिए जगह बनाती है।

(‘सबरंग इंडिया’ से साभार)


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