मौत के साए में जिंदगी! जर्जर घरों में रहने को मजबूर मुंगेर के 100 परिवार

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20 अप्रैल। केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा गरीबों को आवास देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इसके लिए करोड़ों रुपए भी खर्च किये जा रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और हीला-हवाली के कारण इन योजनाओं का फायदा असली हकदारों को नहीं हो रहा है। बिहार के मुंगेर जिले के नगर निगम क्षेत्र के दो नंबर गुमटी स्थित पुअर हाउस में 100 परिवार रहते हैं। वर्ष 1985 में अनुसूचित जातियों के लिये बनाये गये 60 कमरों के दो मंजिला पुअर हाउस मरम्मत के अभाव में पूरी तरह जर्जर हो चला है। आलम यह है कि किसी भी समय यहाँ बने मकान जमींदोज हो सकते हैं। लेकिन इस पुअर हाउस की मरम्मत पर न प्रशासनिक अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि।

निर्माण के महज 20 वर्षों में ही पुअर हाउस जर्जर हो गया था। भवन के हिस्से और छत टूट-टूटकर कर गिर रहे हैं। मगर फिर भी गरीब महादलित लोग उसी जर्जर भवन में रहने को विवश हैं। ऐसे में किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा होने की आशंका है। इसके अलावा कई ऐसे परिवार हैं, जो अपनी जान बचाने के लिए उसी जगह पर कच्ची मिट्टी का मकान बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों और सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि हम लोगों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता एवं रहने के लिए आवास अब तक नहीं मिला है।

यहाँ रहने वाले महादलित परिवार के लोगों ने बताया कि हम लोगों की फोटो खींचने के लिए सभी आते हैं। लेकिन हमारे लिए आवाज उठाने वाला कोई नही है। कई बार हमने स्थानीय वार्ड पार्षद से लेकर अलग-अलग अधिकारियों तक से इसकी शिकायत की। लेकिन अभी तक इस ओर कोई पहल नहीं की गई। नेता यहाँ सिर्फ वोट माँगने आतें हैं। चुनाव जीतने के बाद कोई हमें देखने तक नही आता। पुअर हाउस भवन जर्जर होने के कारण यहाँ रहना खतरनाक है। कई बार इसकी जर्जर छत के टूट कर गिरने की घटना हो चुकी है। पूर्व में इसके चलते कई बार बच्चे घायल हो चुके हैं। अगर इस मकान की जल्द से जल्द मरम्मत नहीं कराई गई तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

इस मामले में पिछले 15 वर्षों से वार्ड सदस्य रहे हीरो यादव ने कहा, कि पुअर हाउस 100 प्रतिशत जर्जर हो चुका है। हाल यह है, कि आए दिन यहाँ हादसे होते रहते हैं, जिससे कई लोग घायल हो जाते हैं। इसको ले वो निगम से लेकर कई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना दे चुके हैं। पर किसी ने आज तक इस और ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि न ही यहाँ रह रहे इन परिवारों को कहीं अन्य शिफ्ट किया गया।

(MN News से साभार)


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